छत्तीसगढ़

उच्च क्षमता की लेजर लाईट आंखों के लिए नुकसानदायक: डॉ प्रांजल मिश्र

Shantanu Roy
1 Oct 2024 12:56 PM GMT
उच्च क्षमता की लेजर लाईट आंखों के लिए नुकसानदायक: डॉ प्रांजल मिश्र
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छग
Raipur. रायपुर। अस्पताल आया जो झांकी में शामिल हुआ था और जुलुस में जो लेजर लाइट चल रहीं थी, उस लेजर लाईट के आंख में पड़ने के बाद उसकी एक आंख की नजर कमजोर होने की शिकायत की , जब उसकी आंखो की जांच की तब पाया गया कि उसकी बांई आंख से कम दिख रहा है जबकि दाहिनी आंख की नजर ठीक है . जब उसकी आंखों के पर्दे की जांच की गई तब यह देखा गया कि उसकी आंखों के परदे में जो रक्त वाहिका है वह क्षतिग्रस्त हो गई है। मेडिकल कॉलेज रायपुर के नेत्र एवम रेटिना विशेषज्ञ डॉक्टर प्रांजल मिश्र ने जब मरीज की परदे की ओ सी टी की, तब पाया कि उक्त मरीज के परदे की रक्त वाहिका लेजर किरणों के परदे में टकराने से उसमें छिद्र हो गया है और इस जगह से रक्त निकल कर पर्दे में जमा हो गया है।


डॉ प्रांजल मिश्र ने जानकारी दी कि इस प्रकार सार्वजनिक कार्यक्रमो में जो लेजर लाइट उपयोग की जाती है वह अत्यधिक तीव्रता की होती है 3D 3b या 4 कैटेगरी में आती है. जबकि एफडीए भी पांच मिली वाट से ज्यादा की लेजर किरणे उपयोग करना निषेध करती है इसमें से ब्लू स्पेक्ट्रम वाली लेजर आंखों को सबसे ज्यादा डैमेज करती है जैसे पर्दे में खून का बहाना और यहां तक की पर्दे में छेद भी हो जाता है कई बार मरीजों को इस बात की जानकारी ही नहीं होती और आंखों की खराब होने की संभावना होती है, इस प्रकार से प्रभावित मरीजों को तुरंत अस्पताल पहुंचना चाहिए ताकि सही समय पर उपचार हो सके. एवम उनकी दृष्टि बचाई जा सके। डॉ दिनेश मिश्र ने बताया हर साल इस प्रकार की घटनाएं होती हैं और ऐसे मरीज आते हैं जो अधिक क्षमता के लेजर के पड़ने कारण क्षतिग्रस्त हो जाते हैं इसलिए इस प्रकार की गैदरिंग में में उच्च क्षमता वाली लेजर का उपयोग नहीं करना चाहिए इससे किसी भी व्यक्ति को दृष्टिहीनता का शिकार होना पड़े।
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