बिलासपुर। 41 सालों से शासकीय भूमि पर काबिज याचिकाकर्ताओं को रेलवे ने हटाने और मकान तोड़े जाने का नोटिस जारी कर दिया। मामले में हाई कोर्ट ने प्रमुख रेल अफसरों को 18 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। जांजगीर में नैला रेलवे स्टेशन के सामने ओम कश्यप और सत्येन्द्र कश्यप का होटल व घर दोनों है। ये लोग 1981 से तहसीलदार से मिली लीज के आधार पर यहां काबिज हैं। नवंबर 2021में इन लोगों को रेलवे ने एक नोटिस जारी किया। इसमें पूरी संपत्ति को हटाने और तोड़ने की बात कही गई थी।
इस नोटिस को याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में अधिवक्ता सुमित सिंह के माध्यम से चुनौती दी गई। मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने इस कार्रवाई पर स्थगन देते हुए जांजगीर कलेक्टर को ये निर्देश दिए कि मौके पर जाकर खसरा नंबर 597 विधिवत सीमांकन कराया जाए। इसकी रिपोर्ट अदालत में पेश की जाए। इसके बाद कलेक्टर ने एसडीओ व अन्य राजस्व अधिकारियों की टीम बनाकर सीमांकन कराया। मौके पर दोनों पक्षों को हाजिर कर अपनी रिपोर्ट भी तैयार कर दी। इसमें पाया गया कि याचिकाकर्ता 1909 व 1910 के कलेक्टोरेट के रिकार्ड के अनुसार राज्य शासन की जमीन पर लीज लेकर काबिज हैं। यहां रेलवे का कोई अधिकार नहीं है।
मामले में जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच में सोमवार को सुनवाई हुई। शासन की रिपोर्ट पेश की गई। इसके बाद हाई कोर्ट ने रेलवे के अधिकारियों को आगामी 18 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। इसी दिन अगली सुनवाई निर्धारित की जाएगी।