छत्तीसगढ़

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश रमेश सिन्हा ने लिया शपथ

Shantanu Roy
29 March 2023 1:04 PM GMT
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश रमेश सिन्हा ने लिया शपथ
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रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के नए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा शपथ लिया है। आपको बता दें कि इस समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, भाजपा दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल, मंत्री रविंद्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल सहित भाजपा के कई बड़े वरिष्ठ पदाधिकारीगण और एडवोकेट जनरल सतीश चंद्र वर्मा, छत्तीसगढ़ के डीजीपी आईपीएस अशोक जुनेजा, रायपुर रेंज के आईजी अजय यादव सहित कई बड़े पुलिस अधिकारी भी शामिल हुए है।
बिलासपुर उच्च न्यायालय के नए मुख्य न्यायाधिपति के रूप में शपथ लिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने साल 1990 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से एलएलबी की है। जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में वकालत शुरू की। करीब 21 साल की वकालत के दौरान उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में सिविल और आपराधिक केस की पैरवी करते हुए अपनी पहचान बनाई। साल 2011 में उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश के पद पर नियुक्त कर दिया गया। साल 2013 में स्थायी जज नियुक्त होने के बाद से वे इलाहाबाद हाईकोर्ट में पदस्थ थे।

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर जस्टिस रमेश सिन्हा को राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचंदन ने राजभवन में शपथ दिलाई. इसके साथ ही जस्टिस रमेश सिन्हा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के 15वें चीफ जस्टिस बन गए हैं. राजभवन में शपथ ग्रहण के पहले चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा का राजधानी रायपुर पहुंचने पर राज्य अतिथि गृह पहुना में स्वागत किया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस व छत्तीसगढ़ सरकार के कई अधिकारी मौजूद थे.

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर नियुक्ति से पहले जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा इलाहाबाद हाईकोर्ट में नियुक्त थे. उन्होंने सन् 1990 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री ली. इसके बाद 8 सितंबर 1990 को अधिवक्ता के रूप में नामांकन करवा वकालत की शुरुआत की थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हुए उन्हें क्रिमिनल व सिविल मैटर में दक्षता हासिल हुई.

21 सालों की वकालत के बाद बार कोटे से 21 नवंबर 2011 को वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदस्थ हुए. लगभग 2 साल बाद 6 अगस्त 2013 को उन्होंने स्थायी न्यायाधीश के रूप में इलाहाबाद हाईकोर्ट में काम शुरू किया. वे प्रशासनिक आयोग लखनऊ के सदस्य पद पर भी रहे हैं. उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि 4 सितंबर 2026 है.
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