छत्तीसगढ़

नर्स को तलाक लेने की अनुमति हाईकोर्ट ने दी, पति को बताया गैर जिम्मेदाराना

Nilmani Pal
17 July 2024 6:05 AM GMT
नर्स को तलाक लेने की अनुमति हाईकोर्ट ने दी, पति को बताया गैर जिम्मेदाराना
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बिलासपुर bilaspur news। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट chhattisgarh high court ने रायगढ़ के फैमिली कोर्ट Family Court के आदेश के खिलाफ की गई विवाहिता की अपील को मंजूर करते हुए उसे तलाक की मंजूरी दे दी है। याचिकाकर्ता महिला रजनी सारंगढ़ में नर्स है। उसका विवाह हिंदू रीति रिवाज के साथ सन् 2012 में रविराज से हुआ था।

chhattisgarh news पत्नी ने परिवार न्यायालय में हिंदू विवाह अधिनियम 13 के तहत यह कहते हुए तलाक की अर्जी दी कि शादी के बाद पति का व्यवहार क्रूरतापूर्ण है। वह शराब व जुए का आदी है। एटीएम रख लेता है, पैसे नहीं देने पर मारपीट करता है, या घर का सामान बेच देता है। सामाजिक बैठक में 25 जुलाई 2018 को पत्नी को अलग रहने की अनुमति दी गई और तलाक लेने कहा गया। इस समय दोनों अलग-अलग रहते हैं लेकिन उसे वैध तलाक का आदेश चाहिए। chhattisgarh

पति ने मारपीट, शराब पीने, घर का सामान बेचने, पत्नी के पैसे उड़ाने के आरोप से इंकार किया और कहा कि उसके बेरोजगार होने के कारण पत्नी उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करती है। सामाजिक बैठक में तलाक लेने के आदेश से भी पति ने इंकार किया। इसके जवाब में पत्नी ने अखबार में प्रकाशित नोटिस न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया, जिसमें दोनों के बीच तलाक को लेकर सहमति थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद परिवार न्यायालय ने पत्नी की अर्जी खारिज कर दी। हाईकोर्ट में जस्टिस गौतम भादुड़ी व जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने पत्नी के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि पति-पत्नी के बीच क्रूरता की परिभाषा हिंदू विवाह अधिनियम में स्पष्ट नहीं की गई है लेकिन पति का रवैया पत्नी के प्रति गैर जिम्मेदाराना है। इसलिये उसे तलाक लेने का अधिकार है।

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