छत्तीसगढ़

भूपेश-सिंहदेव विवाद पर हाईकमान की बारीक नजर

HARRY
26 Aug 2021 5:35 AM GMT
भूपेश-सिंहदेव विवाद पर हाईकमान की बारीक नजर
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ओबीसी वर्ग को नाराज नहीं करेगी कांग्रेस

रायपुर (जसेरि)। छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के कार्यकाल को लेकर विवाद थमा नहीं है। दिल्ली में भूपेश-सिंहदेव के साथ राहुल गांधी की बैठक के बाद यह विवाद एक बार फिर सुलगता दिख रहा है। हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने दोनों नेताओं को आपसी सामंजस्य से अंदरूनी मतभेद दूर करने का निर्देश देकर मामले को शांत करने की कोशिश की है, लेकिन रायपुर लौट कर दिए गए भूपेश बघेल के बयान से यह साफ हो गया है कि प्रदेश में ऐसी साजिशें विपक्ष की ओर से मीडिया के माध्यम से की जा रही हैं ताकि कांग्रेस के भीतर मतभेद पैदा हो और उनका मंसूबा कामयाब हो जाए। लेकिन ऐसा होता दिखता नहीं है क्योंकि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ विधायकों में किसी तरह की नाराजगी नहीं दिखाई दे रही है। मीडिया के माध्यम से सिंहदेव की नाराजगी और ढाई-ढाई साल के कार्यकाल को जरूर हवा मिल रही है लेकिन इसके पीछे भी कोई आधार नजर नहीं आ रहा है। एयरपोर्ट में भूपेश के स्वागत में जिस तरह कांग्रेसी शक्ति प्रदर्शन करते नजर आए उससे यह बात जाहिर भी हो गई।

कुर्मी-छत्तीसगढिय़ा वर्ग को नाखुश नहीं करेगी कांग्रेस, ऐसा सोच भी नहीं सकती : दूसरी ओर कांग्रेस हाईकमान को भी पता है कि भूपेश बघेल के नेतृत्व में पार्टी 15 साल बाद सरकार बनाने में कामयाब हुई है। आदिवासी इलाकों में मिली सफलता के अलावा सरकार बनाने में ओबीसी फैक्टर का अहम योगदान रहा है। इस वर्ग का प्रतिनिधित्व भूपेश बघेल करते हैं। ऐसे में हाईकमान भूपेश को पद से हटा कर कुर्मी वर्ग का कोपभाजन नहीं बनना चाहेगी। छत्तीसगढ़ में ओबीसी वर्ग सत्ता संतुलन में बड़ी भूमिका निभाते रहा है। ऐसे में पार्टी के भीतर की मतभेदों को हाईकमान स्थानीय स्तर पर नेताओं से चर्चा करके सुलझाने की कोशिश करेगा, इसके निर्देश भी दोनों नेताओं को दिया गया है। भूपेश के बयानों से यह साफ भी हो गया है कि यह साजिश विपक्ष और मीडिया द्वारा प्रायोजित है जिसका कोई आधार नहीं है।

रायपुर हवाई अड्डे पर शक्ति प्रदर्शन

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगवानी के बहाने उनके समर्थकों ने शक्ति प्रदर्शन भी किया है। करीब 3 बजे से ही वहां समर्थकों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, विधायक कुलदीप जुनेजा, विनय जायसवाल सहित कई निगम-मंडलों, प्राधिकरणों के अध्यक्ष और पार्टी पदाधिकारी मुख्यमंत्री के स्वागत को पहुंचे थे। इस दौरान समर्थकों ने छत्तीसगढ़ अड़ा हुआ है, भूपेश बघेल संग खड़ा हुआ हैÓ जैसे नारे लगाए।

ऐसे बढ़ता गया है विवाद

ढाई-ढाई वर्ष के लिए मुख्यमंत्री बनाए जाने के फार्मुले की चर्चा के बीच पिछले कुछ महीनों के दौरान लिए गए कुछ फैसलों से विवाद बढ़ा है। सरकार ने जून महीने में ढाई साल पूरे किए। इसी के साथ मुख्यमंत्री बदलने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया। शुरुआत में इस संबंध में किसी सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल साफ शब्दों में कहते रहे कि इस तरह का कोई फार्मुला मौजूद नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव जरूर इस सवाल पर कहते थे कि मुख्यमंत्री बनाना हाईकमान का फैसला है। पिछले महीने पहली बार मुख्यमंत्री इस लाइन पर आए कि हाईकमान कहे तो अभी इस्तीफा दे दूंगा। 14 अगस्त को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा, सेमीफाइनल में हम चार लोग थे। अभी तो दो ही खिलाड़ी बचे हैं। इसके साथ ही सत्ता संघर्ष की अटकलों ने जोर पकड़ा।

जिस दिन आलाकमान कहेगा पद से हट जाऊंगा: मुख्यमंत्री बघेल

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के माना एयरपोर्ट पर बुधवार पहुंचे सीएम भूपेश बघेल का कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, बोले-जिस दिन कहा जाएगा सीएम पद छोड़ दूंगा, यह किसानों की सरकार है। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने मुझे मुख्यमंत्री बनाया था, जिस दिन आलाकमान कहेगा पद से हट जाऊंगा। सोनिया-राहुल ने मुझ जैसे किसान को मुख्यमंत्री की जि़म्मेदारी सौंपी है, जब तक उनका आदेश है, तब तक मैं इस पद पर हूं, जब कहेंगे हट जाऊंगा। ढाई-ढाई साल का राग अलापने वाले सफल नहीं होंगे। दिल्ली में राहुल गांधी के साथ बैठक हुई, पुनिया, केसी वेणुगोपाल से मुलाकात हुई। राहुल के साथ विकास के मुद्दे पर चर्चा हुई। छत्तीसगढ़ की स्थिति के बारे में उनको अवगत कराया। इससे पहले दिल्ली में सीएम बघेल और सिंहदेव ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से अलग-अलग चर्चा की।

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