- सड़क पर चौकसी बढऩे से अब ट्रेन से होने लगी सप्लाई
- नवंबर में पुलिस ने कई बड़ी खेप पकड़े -
- 22 जुलाई: पिथौरा चौक पर 7 क्विंटल गांजा (1.40 करोड़) पकड़ा। रस्सियों के बंडल के बीच ले जा रहे थे।
- 8 सितंबर: ओडिशा के तस्कर पिकअप में गुप्त चैंबर बनाकर ले जा रहे थे 25 लाख गांजा। पुलिस ने पकड़ा।
- 1 नवंबर: ट्रक में लोहे के पाट्र्स के बीच 84 लाख कीमत का 4 क्विंटल गांजा छिपाकर ले जा रहे थे।
- 23 नवंबर: पलसापाली बैरियर के पास पुलिस ने 69 लाख कीमत का 3 क्विंटल गांजा जब्त किया।
- 8 नवंबर: पुलिस ने कद्दू के बीच छिपाकर ले जा रहे 390 किलो गांजा पकड़ा। कीमत 78 लाख बताई गई।
- आलू की बोरियों के बीच तस्कर 540 किलो गांजा छिपाकर ले जा रहे थे। कीमत 1.08 करोड़।
- तस्करी के नए-नए तरीके - गांजे की तस्करी के लिए तस्कर नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं। पुलिस से बचने के लिए तस्कर ट्रांसपोर्टरों के जरिए गांजा सप्लाई कर रहे हैं। जिसके चलते तस्कर कई बार पुलिस को चकमा देकर गांजे की सप्लाई संबंधित स्थान तक करने में कामयाब हो जाते हैं। लेकिन मुखबीरों की सक्रियता और सीमाओं पर चौकसी बढऩे से अब ऐसे वाहन भी पकड़े जा रहे हैं जिसमें अलग-अलग सामानों के बीच छिपाकर गांजे की खेप ले जा रहे तस्कर सपड़ा रहे हैं। सब्जी की बोरियों से लेकर नारियल, आलू, कटहल, कद्दू की ढेर के नीचे छिपाकर गांजे की बड़ी खेप ले जाते तस्कर हालहि में बस्तर, महासमुंद, कवर्धा व राजनांदगांव पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। पुलिस की निगरानी बढऩे से अब तस्कर सड़क मार्ग के अलावा ट्रेन के रास्ते ज्यादा खेप लाने-ले-जाने का काम कर रहे हैं। दूध के कंटेनर, लकडिय़ों के गट्ठे और झाड़ू के सीक के बीच कम मात्रा में छोटे-छोटे पैकेट बनाकर गांजे की सप्लाई की जा रही है। तस्कर ओडिसा से लकड़ी और दूध लेकर आने वाले लोगों को आने-जाने का खर्च और दो-तीन हजार रूपए देकर दूध-कंटेनरों और लकड़ी के गट्ठे के बीच गांजे छिपाकर नियत स्थान तक भेज रहे हैं।
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर । राजधानी रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में गांजे की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है। हर रोज किसी न किसी जिले में गांजे के साथ तस्कर धरे जा रहे हैं। इसके बावजूद लोकर और अंतर्राज्यीय तस्कर ओडिसा से लगातार गांजे की तस्करी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री की तस्करी रोकने के सख्त निर्देश के बाद पुलिस ने अपने खुफिया तंत्र को और सतर्क करते हुए सीमावर्ती जिलों में निगरानी बढ़ा दी है जिसके बाद तस्करों की धरपकड़ में और तेेजी आई है। ओडिसा में बड़े पैमाने पर अवैध रुप से गांजे की खेती होती है और छत्तीसगढ़ से लगी सीमा पर कई बड़े तस्कर सक्रिय है जिनके गोदाम में पैक गांजा हमेशा उपलब्ध रहता है। ओडिसा-आंध्रप्रदेश और तेलंगाना से अवैध गांजे की सप्लाई पूरे उत्तर-पश्चिम राज्यों में छत्तीसगढ़ के रास्ते हो रही है। तीन साल में सबसे ज्यादा महासमुंद जिले में गांजा जब्त किया गया है। यहां से अब तक 14500 किलो गांजा जब्त किया जा चुका है। इसी तरह बस्तर में 12600 किलो, रायगढ़ में 1100 किलो से ज्यादा, जशपुर में 1300 किलो, सुकमा में 8 हजार किलो से ज्यादा और कोंडागांव में 5 हजार किलो गांजा जब्त किया गया है।
पोस्ट व सीसीटीवी से की जाएगी निगरानी
सीएम के निर्देश के बाद महासमुंद के कोमाखान थाने के टेमरी, सिंघोड़ा के रहटीखोल में चेक पोस्ट में सीसीटीवी लगे हैं। इसी तरह बसना थाने के पलसापाली, सांकरा के लारीपुर और कोमाखान के नर्रा में अस्थाई चेक पोस्ट बनाया गया है। जशपुर के लवकेरा और कालेनझरिया में चेक पॉइंट है। इसी तरह सुकमा के तोंगपाल, पुसपाल, कुकानार, छिंदगढ़, झपड़ा ब्रिज, पोडिय़ा ब्रिज, कोंटा ब्रिज में चेक पॉइंट, गरियाबंद के देवभोग व कोमाखान छुरा रसेला मार्ग पर सीसीटीवी युक्त चेकपोस्ट है। बस्तर में नगरनार थाना के धनपुंजी और दरभा में एनएच 30 पर सीसीटीवी युक्त चेक पोस्ट बनाया गया है। रायगढ़ के हमीरपुर, पुसौर, सरिया और डोंगरीपाली में चेक पोस्ट तैयार किया जा रहा है।
नारकोटिक्स का सब जोनल दफ्तर
छत्तीसगढ़ के रास्ते गांजा तस्करी रोकने के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) का सब जोनल दफ्तर रायपुर में खोलने की तैयारी है। एनसीबी के डायरेक्टर जनरल सत्यनारायण प्रधान के साथ प्रदेश के डीजीपी अशोक जुनेजा की बातचीत के बाद इस आशय का प्रस्ताव एनसीबी मुख्यालय में भेज दिया गया है। इसके अलावा प्रशासन तस्करी रोकने के लिए कई नए तरीकों पर काम शुरू कर चुका है। गांजा तस्करी रोकने के लिए छह जिलों की सीमाओं पर सीसीटीवी वाले चेकपोस्ट तैयार कर लिए गए। एनसीबी के जोनल डायरेक्टर ने डीजीपी से भेंट के बाद जांच व कार्रवाई में समन्वय के साथ विवेचना को अपग्रेड करने के लिए पुलिस का सहयोग करने की बात कही है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के इंदौर के जोनल डायरेक्टर बृजेंद्र चौधरी ने हाल में रायपुर आकर पुलिस मुख्यालय के अफसरों के साथ गांजा तस्करी रोकने पर मंथन किया है। दरअसल गांजा तस्करों ने छत्तीसगढ़ को बड़ा ट्रैफिकिंग सेंटर बना लिया है, इसलिए यह पूरी कवायद चल रही है। पिछले तीन सालों में छत्तीसगढ़ पुलिस ने अलग-अलग जिलों में चालीस हजार किलो से ज्यादा गांजा जब्त किया है। इसकी कीमत करोड़ों में है। गांजा तस्कर ओडिशा से उत्तरप्रदेश, दिल्ली, बिहार सहित कई राज्यों में गांजा पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ को कॉरिडोर की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।