महासमुंद पुुलिस ने फिर पकड़ा 13 क्विंटल गांजा, राजधानी में दूसरे दिन भी पकड़ाए तस्कर
कौन है परदे के पीछे सफेदपोश?
राज्य सरकार और मुख्यमंत्री की छवि बिगाडऩे का खेल किसके शह पर...ठ्ठ कौन है परदे के पीछे सफेदपोश?
राज्य सरकार और मुख्यमंत्री की छवि बिगाडऩे का खेल किसके शह पर...
आफताब फरिश्ता
रायपुर। राजधानी सहित छत्तीसगढ़ में गांजे की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही। गुरुवार को राजधानी में दो बड़े खेप पकडऩे के बाद पुलिस ने शुक्रवार को दो और तस्करों से गांजा बरामद किया। वहीं महासमुंद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 13 क्विंटल गांजे के साथ तस्करों को पकड़ा। उल्लेखनीय है कि ओडिशा से महासमुंद के रास्ते राजधानी और दूसरे राज्यों में बड़े पैमाने पर गांजे की तस्करी हो रही है। लेकिन बॉर्डर में नियमित चेकिंग ओर कार्रवाई नहीं होने से तस्करों के होसले बुलंद है।
महासमुंद पुलिस ने आयशर ट्रक में सब्ज़ी के बोरियों के नीचे छूपा रखा 13 क्विंटल गांजा बरामद किया है। पुलिस ने मामले में दो लोगों को गिरफ़्तार किया है। महासमुंद पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आयशर ट्रक को टेमरी नाका के पास पकड़ा गया। पूछताछ के दौरान ट्रक में सवार चालक और सहयोगी हड़बड़ा गए। पुलिस ने ट्रक की जांच की तो गोभी के बोरों के नीचे 52 बोरियों में 13 क्विंटल गांजा बरामद किया गया। पूछताछ में बताया गया है कि यह गांजा उड़ीसा से उत्तरप्रदेश ले ज़ाया जा रहा था। इसकी सप्लाई दिल्ली भी होनी थी, बरामद किए गांजे की क़ीमत 2 करोड़ साठ लाख रुपए आंकी गई है। वही रायपुर में भी गुरूवार को दो अलग-अलग थाना क्षत्रों से 8 क्विंटल गांजा के साथ 7 अंतर्राज्यीय गांजा तस्करों को गिरफ्तार किया गया था। रोजाना रायपुर शहर से होकर गांजे की बड़ी खेप भारत के कई राज्यों में जाती है लेकिन पुलिस की ढीली चेकिंग की वजह से तस्कर सुरक्षित छत्तीसगढ़ से बाहर निकल जाते है।
रोजाना करोड़ों रुपए का गांजा सप्लाई
रायपुर से रोजाना करोडो गांजा का गांजा सप्लाई किया जाता है, रायपुर होकर उड़ीसा का गांजा हर राज्य में जाता है। लगातार कटहल, कलिंदर, नमक, नारियल और अब गोभी की आड़ में गांजा तस्कर बड़ी मात्रा में गांजे की खेप को एक राज्य से दूसरे राज्य तक पहुंचा रहे है। फलों और सब्जियों की गाडिय़ों में मादक पदार्थ की तस्करी करने का नया और नायाब तरीका गांजा तस्करों ने ढूंढ निकाला है। राजधानी में नशे का कारोबार तेज़ी से बढ़ते जा रहा है। इस शहर में शराब-गांजे का अवैध कारोबार सालों से फल-फूल रहा है। नशे के काले कारोबार की सच्चाई रोंगटे खड़े कर देती है। यह समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। नशे का कारोबार करने वाले अपराधियों की रोजाना गिरफ्तारी हो रही है लेकिन उसके बाद भी ये कारोबार बंद नहीं हो रहा है।
4 किलो गांजे के साथ दो गिरफ्तार
रायपुर पुलिस ने 4 किलो 900 ग्राम गांजे के साथ दो युवकों को गिरफ्तार किया है, मामले में जानकारी देते हुए कोतवाली थाना प्रभारी ने बताया कि मुखबिरों से सूचना मिली थी कि मोतीबाग गेट के पास दो युवक बिना नंबर वाली लाल रंग की मोटर सायकल लेकर खडे है और काले रंग की पीठ्ठू बैग में कुछ सामान रखे हुए है। सूचना मिलते ही पेट्रोलिंग टीम ने तस्दीक की जिससे दोनों युवको के पास से पुलिस ने गांजा बरामद किया। दोनों युवक पुलिस की गाडी को देखकर अपने आपको पुलिस के नजर मे छिपने के लिए मोटर सायकल से भागने लगे जिसे पुलिस स्टाफ द्वारा गाडी से उतर कर घेराबंदी कर पकडा गया। आरोपियो के कब्जे से 4 किलो 900 ग्राम गांजा जिसकी कीमत 29000 रूपये आंकी गई है। और बिना नंबर प्लेट वाली ग्लेमर मोटर सायकल जप्त कर किया गया। दोनों आरोपी बलौदाबाजार के रहने वाले है जिनके नाम है राजेश पटेल उम्र 21 साल और महेन्द्र बहादुर पटेल उम्र 20 साल। दोनों युवकों को कोतवाली थाना में आईपीसी की धारा 20ख एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया।
शहर में हर इलाके में बिक रहा गांजा
शहर में गांजा का कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है, शहर की कई गलियों में बिक रही नशीली वस्तुएं युवाओं की जिंदगी तबाह कर रही है। आलम यह है कि शहर में जगह-जगह खुलेआम गांजा की बिक्री हो रही है। गली-मोहल्लों में गांजा आसानी से मुहैया हो रहा है। रायपुर में चल रहे इस अवैध कारोबार में लोग इतने लिप्त हो गए कि शहर में जगह-जगह गांजा बेचा जा रहा है।
रवि-आसिफ की बारी कब
रायपुर के कालीबाड़ी चौक स्थित सुलभ शौचालय के आगे खाली मैदान में दिन और रात सट्टा, जुआ, गांजा, अवैध शराब और नशीली दवाई बेची जा रही है। लेकिन उसके बाद भी पुलिस की कोई कार्रवाई नहीं होती है। पुलिस रोज छोटे-मोटे अपराधियों को पकड़कर अपनी पीठ थपथपा रही है। लेकिन नशे के बड़े कारोबारी अब तक गिरफ्तार नहीं हो पा रहे है। रायपुर में अब ऐसे मामले सामने आ रहे हैं कि पहले युवाओं को नशे का शिकार बनाया जाता है और फिर उनको गांजा कारोबार में उतारा जाता है। इसकी अनदेखी बहुत भारी पड़ सकता है।
मौत के सौदागर बेखौफ, पुलिस बेखबर
रायपुर पुलिस द्वारा कार्रवाई करने से बेखौफ कारोबारी नशे के नाम पर मौत के सामान को खुले तौर पर बेच रहे है। शहर में पुलिसिया कार्रवाई की यह स्थिति में सुधार हुए है। लेकिन उसके बाद भी रोजाना शहर में गांजे में लाखों का कारोबार चल रहा है। लेकिन यह हकीकत है कि शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी हर महीने लगभग 3 करोड़ से अधिक के गांजा का कारोबार हो रहा है। नशा कारोबारियों की मानें तो रोजाना लगभग 8 से 10 लाख का गांजा तो एक दिन में ही बिक रहा है। इतनी बिक्री का एकमात्र कारण यही है कि यह कारोबार या तो पुलिस के संरक्षण में फल-फूल रहा है, या फिर पुलिस को इसकी जानकारी नहीं हैं।
कार में शराब का जखीरा पकड़ाया, एक तस्कर गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ में शराब तस्करों के खिलाफ आबकारी विभाग की कार्रवाई लगातार जारी है। इसी कड़ी में शुक्रवार को आबकारी विभाग की टीम ने एक कार से अवैध शराब का जखीरा जब्त किया है। साथ ही एक तस्कर को भी गिरफ्तार किया गया है। जब्त की गई शराब की मात्रा 250 लीटर है। महिला आबकारी अधिकारी की टीम ने घेराबंदी कर एक कार से 9 सौ 57 छोटी-बड़ी शराब की बोतलों के साथ तस्कर को गिरफ्तार किया है।
राजधानी और बार्डर के थानों के रेट बढ़े?
कोरोना काल में वैसे तो खाने-पीने से लेकर आम जरूरतों के हर चीज महंगी हो गई है। लेकिन इस दौरान थानों की भी रेट में भारी वृद्धि हुई है। राजधानी से लेकर प्रदेश के बार्डर के थानों में पोस्टिंग के लिए लाखों में बोली लग रही है। बार्डर के थानों में पोस्टिंग के लिए ओहदेदार भारी-भरकम रेट देने को तैयार तो हैं ही, राजधानी के कुछ विशेष थानों में पोस्टिंग के लिए मुंहमांगी कीमत देने को भी तैयार हैं। एक अधिकारी के अनुसार मनचाहे थानों में पोस्टिंग के लिए इच्छुक थानेदार बड़ी कीमत देने को तैयार हैं। एक टीआई राजधानी के कोतवाली थाने के लिए 20 लाख देने को तैयार है। इसके अलावा राजधानी के ही सिविल लाइन और तेलीबांधा थानों के लिए भी कई लोग 12-15 लाख देने को तैयार हैं। इसी तरह बार्डर में स्थित थानों के लिए भी इच्छुक ओहदेदार लाखों की बोली लगा रहे हैं। बताया जा रहा है कि राजनांदगांव बार्डर के चिचोला और सरगुजा बार्डर के थानों के लिए 35-40 लाख की बोली लग रही है। वहीं चिल्फी और सरायपाली बार्डर के थानों के लिए 30 से 35 लाख की डिमांड हो रही है।
नशे का नेशनल हाईवे बनता जा रहा है छत्तीसगढ़: कौशिक
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ के रास्ते देश के कई हिस्सों में बेखौफ गांजे की तस्करी जारी है, जिसे रोकने में प्रदेश की पुलिस नाकाम है। यही कारण है कि लगातार तस्करों का मनोबल मजबूत होता जा रहा है। आये दिन केवल मात्र कुछ छोटे तस्करों को ही पकड़ कर पुलिस कार्यवाही के नाम पर दिखावा कर रही है। लेकिन आज भी बड़े तस्कर या गिरोह पुलिस के हाथों से दूर है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से लगे सीमावर्ती राज्यों में करीब 10 हजार एकड़ में संगठित तौर पर गांजे की खेती की जा रही है। जिसे छत्तीसगढ़ के रास्ते देश के अन्य हिस्सों में तस्कर लगातार ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर में हो रहे गांजे की तस्करी इन दिनों जोरो पर है। इसके साथ ही ओडिशा से लगे महासमुंद जिले में भी गांजे की तस्करी लगातार हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार ने खुद ही स्वीकारा है कि बस्तर में दो साल के अंतराल में करीब 271 गांजे की तस्करी के मामले कायम किए गए है जिसमें करीब 27,916.954 (अक्षरी सत्ताईस हजार नौ सौ सोलह किलो नौ सौ चैवन ग्राम) किलोग्राम गांजा पुलिस ने जब्त किया है जिसकी कुल कीमत करीब 14,78,04,966 रुपए है। इससे साबित होता है कि लॉकडाऊन के दौरान जांच के बाद भी तस्करों के हौसले इतने बुलंद थे कि वे पुलिस को झांसा देकर फरार हो गए और पुलिस मात्र केवल कुछ ही तस्करों को पकडऩे में सफल रही है।नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि 14 जून 2021 को महासमुंद पुलिस ने करीब 2 करोड़ 20 लाख रुपए का गांजा पकड़ा है। करीब 1 करोड़ रुपए का गांजा बिलासपुर पुलिस ने 12 जून को जब्त किया था। एक बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या यह कोविड सेवा के नाम पर तस्करी की जा रही थी?
उन्होंने कहा कि गांजे की तस्करी के मामले में राजधानी रायपुर में अलग-अलग जगहों पर करीब 8 क्विंटल गांजा एक दिन में जब्त होता है। इससे सवाल उठता है कि किस तरह से संगठित गिरोह नशे के कारोबार को लेकर छत्तीसगढ़ को अपना परिवहन का मुख्य मार्ग बनाया हुआ है। उसके साथ ही बड़े तादाद में गांजे की तस्करी हो रही है। जिसे रोक पाने में छत्तीसगढ़ की पुलिस नाकाम है। उन्होंने कहा कि साउथ एशियन इंटेलिजेंस रिव्यू के मुताबिक करीब 10 हजार एकड़ में होने वाली गांजे की खेती के परिवहन का मुख्य मार्ग बस्तर, रायपुर से होते हुए देश के अन्य हिस्सों तक हैं। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि नशे के खिलाफ प्रदेश की सरकार मजबूती से कार्यवाही करें और भी चेकपोस्ट छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती राज्यों में खोले ताकि गांजे की तस्करी पर अंकुश लग सके। उन्होंने कहा कि जस्टिस पी.के. मोहंती कमीशन ने भी एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि पुलिस केवल छोटी-मोटी कार्यवाही कर नशे के ड्रग माफियाओं को खुला छूट देती है। यही कारण है कि यहां से परिवहन होने वाला गांजा चोरी छुपे एशियाई देश में भी भेजने की आशंका व्यक्त की जा रही है। जिस पर मजबूती से कार्यवाही करने की जरूरत है।
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