छत्तीसगढ़

प्रधानमंत्री आवास को बेचकर किराए के मकान में रह रही है बेबस महिला अनुसुइया केवट

Shantanu Roy
9 Dec 2024 1:10 PM GMT
प्रधानमंत्री आवास को बेचकर किराए के मकान में रह रही है बेबस महिला अनुसुइया केवट
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छग
Shivrinarayan. शिवरीनारायण। प्रदेश सहित पूरे देश भर में गरीब परिवारों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने राज्य और केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। इन्ही महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री आवास योजना भी है। जो बेघर या कच्चे मकान में निवास करने वालों को केन्द्र सरकार व्दारा पक्का मकान बनवाकर दिए जाने का प्रावधान है । शिवरीनारायण नगर में भी नगरपंचायत व्दारा इस योजना के तहत सैकड़ों गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास बनवा कर दिया गया है। नगर में इस
योजना
से लाभान्वित होने वालों में से एक हितग्राही अनुसुइया केवट पति फिरंगी केवट भी है। जिसे नगर पंचायत शिवरीनारायण ने सन 2020-21 में वार्ड क्रं. 9 में उनके पट्टे की भूमि पर प्रधानमंत्री आवास बनवा कर दिया गया है। लेकिन अनुसुइया केवट के प्रधानमंत्री आवास पर वर्तमान में ताला लगा हुआ है और वे अपने बड़े पुत्र के साथ किराया की एक मकान में रह रहे हैं। जब उनसे उनके किराये की मकान में रहने का कारण पूछा गया। तो बतायी कि वह कोरोना काल में परिवार के भरण पोषण व अधुरे मकान पूर्ण कराने प्रधानमंत्री आवास को गिरवी रख कर ब्याज सहित उधार पैसा लिया था।

उधारी पैसे का वह समय-समय पर ब्याज का कुछ-कुछ राशि भुगतान कर रही थी। लेकिन ब्याज का रकम बहुत होने के कारण वह ब्याज का रकम पूरा नही पटा पा रही थी। जो बढ़ कर मूलधन ब्याज सहित लगभग 9 लाख रूपए हो गया था। इसलिए उधार पैसा देने वालों ने मेरा प्रधान मंत्री आवास को गिरवी में डूब गया, बोल कर हमे आवास से बहार निकाल दिया और आवास में ताला लगा कर हमसे पूरा पैसा मांगने लगे। जिसके कारण उनके रकम को वापस करने उनके द्वारा लाये व्यक्ति के पास ही बेचना पड़ा। अनुसुइया बाई का यह भी कहना है कि उनके प्रधानमंत्री आवास के पीछे और बाजू में उन लोगों का और कच्ची मकान हैं। प्राधनमंत्री आवास को छोड़ने के बाद वह इसी कच्चे मकान में रह रही थी। लेकिन कुछ समय बाद उनके पति और छोटे बच्चों ने उन्हें और उनके बड़े बेटा मेलाराम को यह कह कर घर से निकाल दिया। कि तुम लोग प्रधानमंत्री आवास को बेच दिये हो। अनुसुईया का कहना है कि वे और उनका बड़ा लड़का मेलाराम दोनो मिलकर परिवार की भरण पोषण कर रहे थे और वे परिवार की जरूरत को पूरा करने कर्ज लिये थे । यदि परिवार के सभी लोग थोड़ा-थोड़ा सहयोग करते तो मेरा आवास नही बिका होता और मैं बेघर नही होती। आज मै अपने बड़े लड़के मेलाराम के साथ किराये के मकान में रह कर दर दर की ठोकर खाने बेबस हूं।

प्रतिबंधित भूमि का हो रहा क्रय-विक्रय
उल्लेखनीय है कि शिवरीनारायण धार्मिक नगर होने के साथ-साथ जांजगीर-चांपा जिले का बहुत बड़ा व्यापारिक केन्द्र होने के कारण यहां की जमीन और मकान की कीमत प्रदेश की राजधानी रायपुर से भी अधिक है और आसमान को छू रही है।इसीलिए यहां व्यापारी,सुदखोर,भू-माफिया और रसुखदारों द्वारा क्रय-बिक्रय के लिए प्रतिबंधित पट्टे की भूमि , कोटवारी-शासकीय जमीन,प्रधानमंत्री आवास आदि की बेखौफ क्रय विक्रय की जा रही है। हालाकि इस तरह की खरीदी-बिक्री रजिस्ट्री द्वारा न कर स्टाम्प पेपर में नोटरी करा कर किया जा रहा है। बाकायदा कोटवारी-सरकारी जमीन की रजिस्ट्री भी हो चुकी है और ऐसी खरीद- फरोख्त में लोग प्राय:अपने काले धन का उपयोग कर रहे है। शासन प्रशासन को इन मामलों को गंभीरता से लेना चाहिए और
शिवरीनारायण
में प्रतिबंधित पट्टे की भूमि , प्रधान मंत्री आवास, कोटवारी-शासकीय भूमि व अन्य विवादित भूमि बिका है। उसे न्याय हित में राजसात किया जाना चाहिए। अन्यथा यहां पट्टे की भूमि,प्रधानमंत्री आवास, कोटवारी आदि भूमि धीरे-धीरे पूंजीपतियों के हाथ में चली जाएगी और निर्धन परिवार दर-दर की ठोकर खाते रहेंगे। अब देखना है कि सुप्रिम कोर्ट द्वारा कही बातें अदालतें कितनी जल्दी अमल में लाते हैं जैसा कि सुप्रिम कोर्ट ने हाल ही में कहा है कि सामाजिक न्याय संविधान में अन्तर्निहित...शाक्तिशाली-शक्तिहीन के संघर्ष में कमजोर व गरीब लोगों के पक्ष में खड़ी हो अदालतें।
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