छत्तीसगढ़

हार्ट फेल्योर के मरीज को मेकाहारा में मिली नई जिंदगी

Nilmani Pal
12 March 2024 6:38 AM GMT
हार्ट फेल्योर के मरीज को मेकाहारा में मिली नई जिंदगी
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रायपुर। डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट के हार्ट, चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी (एमआईसीएस / minimally invasive cardiac surgery) के माध्यम से 20 वर्षीय मरीज का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया. विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू के नेतृत्व में हुए इस सफल सर्जरी के साथ ही एसीआई के हार्ट, चेस्ट एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग का नाम राज्य के ऐसे प्रथम शासकीय संस्थान के रूप में दर्ज हो गया है, जहां पर इस पद्धति से ओपन हार्ट सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है. इस पद्धति में मरीज की छाती पर एक छोटा सा चीरा लगाकर सर्जिकल प्रकिया को अंजाम दिया जाता है जिससे मरीज बेहद जल्दी ठीक हो जाता है और निशान भी बहुत छोटा होता है.

धमधा में रहने वाले 20 वर्षीय मरीज को जन्मजात दिल की बीमारी थी. इस मरीज को बीमारी के बारे में तब पता चला जब इसकी सांस फूलने लगी एवं हाथ पैरों में सूजन प्रारंभ हो गया. इस अवस्था को हार्ट फेल्योर कहा जाता है. इस अवस्था में मरीज को मेडिसिन विभाग में भर्ती किया गया एवं जांच के उपरांत पता चला कि उनके हृदय में 4 X 3 सेमी. का बड़ा सा छेद है जिसको मेडिकल भाषा में एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट (atrial septal defect/ASD) कहा जाता है. इस बीमारी का ऑपरेशन बचपन में ही हो जाना चाहिए. नहीं तो उम्र के साथ-साथ हृदय का कार्य (पंपिंग) कम होते जाता है एवं एक समय बाद हार्ट फेल्योर की नौबत आ जाती है, जैसा कि इस मरीज के साथ हुआ. मेडिसिन विभाग में इस मरीज का लगभग 10 दिनों तक एन्टीफेल्योर ट्रीटमेंट चला. उसके बाद मरीज को ऑपरेशन के लिए कार्डियक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू के पास भेज दिया गया.

डॉ. कृष्णकांत साहू बताते हैं कि इस मरीज को कार्डियक सर्जरी विभाग में कुछ दिन और रखकर स्टेब्लाइज करके मिनिमली इंवेसिव कार्डियक सर्जरी (एमआईसीएस) के द्वारा ओपन हार्ट सर्जरी करके इसके हृदय में स्थित छेद को बंद कर दिया गया एवं मरीज दूसरे ही दिन अपना सामान्य कार्य करना एवं खाना- पीना प्रारंभ कर दिया. इस ऑपरेशन को मिनिमली इन्वेसिव कार्डियक सर्जरी इसलिए कहा जाता है क्योंकि सामान्य ओपन हार्ट सर्जरी में छाती की हड्डी जिसको स्टर्नम ( sternum) कहा जाता है, को काटकर ओपन हार्ट सर्जरी की प्रकिया की जाती है जिसमें लगभग 20 सेंटीमीटर का चीरा/कट लगता है. इस घाव को भरने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है. मिनिमली इन्वेसिव कार्डियक सर्जरी (छोटे चीरे द्वारा ऑपरेशन) में हृदय और फेफड़ों के कार्य को बंद करने के लिए हार्ट लंग मशीन को पैरों के नसों (जांघ के नसों- फीमोरल आर्टरी एवं फीमोरल वेन) से जोड़ा जाता है एवं हार्ट के अंदर स्थित छेद को बंद करने के लिए दायें छाती में चौथे पसली के बीच में 2 इंच का चीरा लगाकर विशेष इंस्ट्रूमेंट (उपकरण) द्वारा हार्ट को खोला जाता है एवं छेद को विशेष प्रकार के कपड़े जिसको डेक्रॉन पैच कहा जाता है, से बंद किया जाता है. यह मरीज पांच दिनों बाद हॉस्पिटल से डिस्चार्ज के लिए तैयार है.

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