छत्तीसगढ़

प्रत्येक गुरुवार को बच्चों को दिए जाएंगे स्वास्थ्य सुरक्षा के टिप्स

Nilmani Pal
14 July 2022 4:32 AM GMT
प्रत्येक गुरुवार को बच्चों को दिए जाएंगे स्वास्थ्य सुरक्षा के टिप्स
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दुर्ग। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की गति एक बार फिर बढ़ रही है जिस पर नियंत्रण के लिए जिले में नई तथा प्रेरक शुरुआत करने की तैयारी की जा रही है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी प्रयासों के अंतर्गत शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के समन्वय तथा यूनिसेफ के सहयोग से स्कूलों में प्रत्येक सप्ताह सुरक्षित गुरुवार मनाया जाएगा। इसमें बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा और जागरुकता के लिए 15-20 मिनट तक सभी स्कूलों में कोविड-19 संबंधित विभिन्न विषयों जैसे हाथ धुलाई, मॉस्क का उपयोग व टीकाकरण जैसी आवश्यक गतिविधियां कराई जाएंगी।

कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण हेतु अब स्कूली बच्चों को भी कोरोना महामारी और उससे बचाव के उपायों की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए प्रत्येक सप्ताह गुरुवार का दिन तय किया गया है। शिक्षा विभाग ने यह कार्यक्रम यूनिसेफ के सहयोग से तैयार किया है। कोरोना संक्रमण से बचाव से संबंधित गतिविधियों पर आधारित सुरक्षित गुरुवार कुल 17 सप्ताह का एक कार्यक्रम है। इसे कक्षा 1 से 5 तथा कक्षा 6 से 12 के लिए अलग-अलग बनाया गया है। शिक्षकों की सुविधा के लिए इस पूरे कार्यक्रम को वीडियो फॉर्म में भी बनाया गया है। यानि कोशिश यह है कि सभी स्कूलों में यह गतिविधियां एक समान संचालित हों। सुरक्षित गुरुवार कार्यक्रम के बारे में जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल ने बतायाः कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए पूर्व तथा वर्तमान कलेक्टर के दिशा-निर्देशन में जिले के स्कूलों में लगातार जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में अब सुरक्षित गुरुवार जैसा सकारात्मक कार्यक्रम भी शुरू करने की योजना है जो कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति स्कूली बच्चों में जागरुकता लाने में कारगर हो सकता है।

इस संबंध में यूनिसेफ की दुर्ग जिला समन्वयक निशा सोनी ने बतायाः महामारी से बचाव के तरीके एवं सुरक्षित व्यवहार को लेकर शालाओं में प्रत्येक गुरुवार को आधा घंटा कार्य किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस कार्यक्रम को सुरक्षित गुरुवार नाम दिया है। यह कार्यक्रम म भविष्य में भी ऐसी महामारी की स्थिति में बच्चों को तैयार रखेगा। उन्होंने आगे बतायाः कोरोनाकाल में स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों को घरों में कैद रहना पड़ा था जो बच्चों के लिए अत्यंत कठिन दौर था। इन परिस्थितियों में बच्चे सुरक्षित व्यवहार से अपने आपको और परिवार को सुरक्षित कैसे रखें, इसको ध्यान में रखकर सुरक्षित गुरुवार कार्यक्रम बनाया गया है।

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