छत्तीसगढ़ में शासन-प्रशासन के कारनामों के किस्से मशहूर हैं. यही शासन है जो कभी मुर्दों से तबलाब खुदवा देता है तो कभी जिंदा इंसान को मरा हुआ घोषित कर देता है. कागजी घोड़े दौड़ाने वाले अधिकारियों को यह तक पता नहीं कि सेवा समाप्ती के बाद तबादला भला कैसे हो सकता है, मगर रायगढ़ के स्वास्थ्य विभाग ने ऐसा कर दिखाया है. 15 जून को एक माह पहले कर्मचारी को निकाला फिर 7 जुलाई को भास्कर देवांगन का तबादला कर दिया. अब कर्मचारी खुद हैरान परेशान है.
इसे काम की व्यस्तता कहें या गंभीर लापरवाही जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के कार्यालय से जारी पत्र क्रमाक /एनएचएम-स्था/2021/22/319 में मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन रायपुर के पत्र क्रमांक 1140-2652 का हवाला देकर खरसिया के चपले में पदस्थ विकास खण्ड कार्यक्रम अधिकारी भास्कर देवांगन की सेवा अवधी नहीं बढ़ाये जाने की वजह से 1 माह पूर्व सेवा अवधी समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया गया.
दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग ने 7 जुलाई 2021 को पत्र क्रमांक 360 जारी करते हुए। दो विकास खण्ड कार्यक्रम प्रबंधकों को तबादला कर दिया. सूचि के पहले नम्बर पर भास्कर देवांगन का नाम है. वहीं दूसरे नम्बर पर सूरज पटेल का. भास्कर देवांगन को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चपले से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र विजयनगर धरमजयगढ़ भेजा गया है. संविदा कर्मचारी भास्कर देवांगन से जब हमने इस विषय में जानकारी ली तो उन्होनें विभाग के इस आदेश पर अचरज व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि सेवा समाप्त कर दिया गया है. ऐसे में तबादला कैसे हुआ समझ नहीं पा रहा हूं. यदि वास्तव में मेरा तबादला हुआ है तो पहले के पत्र को शुन्य घोषित करें. ऐसे में तबादला कैसे होगा और चला भी गया तो प्रभार कौन देगा. पहले जारी पत्र को शून्य करने की कोई सूचना नहीं मिली है. बता दें कि जब किसी संविदा कर्मचारी की सेवा समाप्ती एक माह पूर्व हो चुका है. ऐसे में उसका तबादला दूसरे स्थान पर कैसे होगा. नियम तो यह भी कहता है कि किसी भी संविदा कर्मचारी का तबादला नहीं हो सकता. ना ही उन्हें वित्तीय अधीकार दिए जाते हैं. यह बात अलग है कि जब अधिकारी ठान ले तो कुछ भी संभव हो सकता है.