Dengue के रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाईजरी
रायगढ़ raigarh news । कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के निर्देशन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.बी.के.चंद्रवंशी ने डेंगू Dengueके कारण एवं लक्षण, उसके रोकथाम व बचाव के उपाय के संबंध में एडवायजरी जारी की है। उन्होंने कहा कि डेंगू से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि सावधान और जागरूक रह कर इससे बचा जा सकता है। एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह दिन में काटता है। पांच से छह दिन बाद डेंगू के लक्षण नजर आते हैं। सीएमएचओ ने कहा कि डेंगू रेपीड डायग्नोस्टिक टेस्ट कीट से जांच होने के उपरांत धनात्मक पाये जाने वाले मरीज केवल डेंगू के संदेहास्पद मरीज होते है, उनको अंतिम डेंगू के धनात्मक मरीज नहीं माना जाता है। उक्त मरीजों को मेडिकल कॉलेज रायगढ़ में श्वद्यद्बह्यड्ड टेस्ट में धनात्मक पाये जाने पर ही शासन द्वारा डेंगू के मरीज होने की पुष्टि की जाती है। स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण काल को दृष्टिगत रखते हुये डेंगू से संबंधी ऐहतियात बरतने की सलाह नागरिकों को दी है। इस संबंध में अधिक जानकारी एवं परामर्श सेवा हेतु 104 डायल करें अथवा डेंगू कंट्रोल रूम, जिला चिकित्सालय रायगढ़ में संपर्क कर सकते है। raigarh
डेंगू के लक्षण - डेंगू के लक्षण होने पर अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द, आंख के पीछे दर्द होना, जी मचलाना एवं उल्टी होना, गंभीर मामलों में नाक, मुंह एवं मसूड़ों से खून आना, त्वचा पर चकते उभरना जैसे लक्षण पाये जाते है। इस तरह के लक्षण पाये जाने पर निकटस्थ स्वास्थ्य केन्द्र /मितानिन/स्वास्थ्य कार्यकर्ता को सूचित करें एवं त्वरित जांच कर इलाज कराए।
क्या करना चाहिए - बारिश के बाद अपने घर के आसपास पानी जमा होने की जांच करें। सभी पानी के कंटेनरों/ओवरहेड टैंकों आदि को ठीक से ढककर रखें। हफ्ते में एक बार घरों, कार्यालयों, कारखानों, स्कूलों आदि में सभी कूलरों और कंटेनरों को साफ कर के सुखाएं। हर हफ्ते फ्रिज की पिछली ट्रे में पानी जमा होने की जांच करें और उन्हें अच्छे से सुखाएं। पक्षियों और जानवरों को खिलाने वाले बर्तन डेंगू का कारण बनने वाले मच्छर के प्रजनन का संभावित स्रोत हैं इसलिए इन्हें स्क्रब से साफ करें और हर हफ्ते पानी बदले। मच्छरों के काटने से बचने के लिए दिन के समय खुले हिस्सों पर मच्छर निरोधक का प्रयोग करें। मच्छरों के काटने से बचने के लिए पूरी बाजू के कपड़े और लंबे कपड़े व पतलून पहनें जो हाथ और पैरों को ढकें। मच्छरों को दूर रखने के लिए जालीदार दरवाजे व खिड़कियां, मच्छर कॉइल वेपरमैट आदि का उपयोग करें। दिन के समय विशेष रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। उपरोक्त किसी भी तरीके से डेंगू के मरीजों को मच्छर के काटने से बचाएं। सुनिश्चित करें कि ईमारतों के आसपास के जमीनी क्षेत्रों में, छत पर कोई जलजमाव न हो और खुले स्थानो पर कोई टूटा हुआ फर्नीचर या कबाड़ न हो।
क्या नहीं करना चाहिए - टूटे हुए मिट्टी के बर्तन, बोतलें, गमले, फूलदान आदि को बाहर या छतों पर इक_ा न होने दें। उपयोग में न होने पर डेजर्ट कूलर में पानी न छोड़ें। फूलों के गमलों के नीचे प्लेटें न रखें। पानी को बिना ढके या ठीक से ढके हुए कंटेनरों और टैंकोंं में न रखें। घरों, वर्कशॉप, गोदामों आदि के बाहर टायर न रखें। नारियल पानी पीने के बाद नारियल के छिलकों को खुले में न फेंके, क्योंकि इन छिलकों में बारिश का पानी जमा हो सकता है, जिससे मच्छर पनप सकते हैं। गिलास, कप, प्लेट, कुल्हड़ आदि जैसी डिस्पोजेबल वस्तुओं को खुले में न फेंकें क्योंकि इन वस्तुओं में भी पानी जमा होने से मच्छरों के प्रजनन का खतरा हो सकता है। डेंगू बुखार के रोगियों को एस्पिरिन और ब्रूफेन न दें, प्लेटलेट्स बहुत कम होने पर रक्त स्राव हो सकता है इसलिए टेबलेट पेरासिटामोल का उपयोग बुखार और शरीर दर्द के लिए किया जा सकता है।