छत्तीसगढ़

अनुमति नहीं उसने भी खोली दुकान, भीड़ उमड़ी तो निगम ने किया सील

Admin2
7 May 2021 6:15 AM GMT
अनुमति नहीं उसने भी खोली दुकान, भीड़ उमड़ी तो निगम ने किया सील
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नगर निगम और पुलिस की टीम ने गुरुवार को रिलायंस स्मार्ट बाजार, मुर्गा दुकान, डेयरी दुकान, फल और आलू दुकान संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की है। 

चेंबर के पदाधिकारी करीबियों की दुकान खुलवाने में जुटे रहे, आम कारोबारी नाराज

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। लॉकडाउन में राहत को लेकर जारी आदेश को लेकर गलतफहमी के चलते गुरुवार को कई ऐसे दुकानें भी खुल गईं, जिसे खोलने की अनुमति नहीं दी गई है। प्रशासन ने मोहल्लों की किराना दुकानों के और सब्जी वालों को ही कारोबार की छूट दी, लेकिन छोटे कारोबारी इस आदेश को समझ नहीं पाए। सुबह 8 बजे के बाद से ही चाय-पान ठेले, बेकरी, मिठाई, डेली नीड्स यहां तक कि सुपर मार्केट के भी शटर उठ गए। दुकानें खुलते ही लोगों की भीड़ भी लगने लगी। खबर मिलते ही आनन-फानन में पुलिस और निगम के अफसर की टीम पहुंची और दुकानों को बंद करवाया गया। इस दौरान कई जगह जबरदस्त विवाद की स्थिति पैदा हुई। शासन का आदेश बताकर कुछ व्यापारी बंद करवाने पहुंचे पुलिस व निगम अफसरों से उलझ गए। इस दौरान अलग-अलग इलाके की 20 दुकानें सील किया जा चुका था। सब्जी वाले छूट न होने के बावजूद सड़क पर दुकानें सजाकर बैठ गए थे। उन्हें केवल ठेले पर सब्जी बेचने की अनुमति है, इसके बावजूद आधा दर्जन वार्डों में सड़क पर सब्जी लगाने वालों को खदेड़ा गया। इस दौरान भी व्यापारियों का पुलिस वालों के साथ विवाद भी हुआ। कारोबारियों का कहना था कि जरूरत के सामान की दुकानें खोलने की अनुमति है खासतौर पर खाने-पीने की। पुलिस के जवानों और अफसरों ने उन्हें कलेक्टर का आदेश दिखाया। इसके बाद भी जब मामला नहीं सुलझा तो कई जगहों पर दुकानें सील की गई। कुछ जगह तो कारोबारियों को एफआईआर की चेतावनी दी गई, तब वे शांत हुए। पुलिस और निगम की सख्ती के बाद ही दोपहर तक बिना अनुमति वाली दुकानें बंद हो पाई।

सुपर मार्केट किया सील

संतोषी नगर, आमापारा, मोवा, पंडरी, टाटीबंध, हीरापुर समेत कई जगहों पर सुपर बाजार व डिपार्टमेंटल स्टोर भी खुल गए। शटर के अंदर से लोगों को सामान बाहर लाकर दिया जा रहा था। कई जगहों पर तो लोगों को भीतर भी इंट्री दी जा रही थी। इस दौरान रिलायंस स्मार्ट बाजार भी खुला मिला। निगम अफसरों ने उसे सील कर दिया।

शाम 5 बजे तक सबको अनुमति दें

छत्तीसगढ़ चैंबर अध्यक्ष अमर पारवानी ने किराना, सब्जी दुकानों, बैंकों को छूट देने और अमेजॉन-फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन कंपनियों को प्रतिबंधित करने के फैसले का स्वागत किया है। लेकिन उन्होंने फिर से एक बार सभी बाजारों को एक तय समय के लिए खोलने की मांग की है। उनका कहना है कि कुछ दुकानें खोलने और कुछ को बंद करने से ही कंफ्यूजन होता है। इसलिए शाम 5 बजे तक सभी तरह के कारोबार को अनुमति दें।

डूमरतराई में प्लास्टिक व अन्य दुकान भी खुले

कलेक्टर द्वारा जारी किये गए आदेश के अनुसार थोक बाज़ारों के खुलने का समय रात 11 से सुबह 4 बजे तक का है लेकिन इसकी आड़ में कुछ थोक व्यापारी प्लास्टिक और अन्य चीज़ों का भी कारोबार कर रहे है। थोक व्यापारी जरुरी राशन सामानों के साथ-साथ अन्य सामानों का भी क्रय विक्रय कर रहे है। माना डूमरतराई थोक बाजार में ना केवल राशन दुकानें बल्कि कॉस्मेटिक्स और ब्यूटी प्रोडक्ट का भी क्रय-विक्रय किया जा रहा है। थोक बाजार में 250 दुकानों को अनुमति मिलने की खबर है, लेकिन 700 से ज्यादा दुकानें खुल रही हैं।

सीएनए वेजेंट्स दिन में भी खुला

कलेक्टर का स्पष्ट आदेश है कि डिपार्टमेंटल स्टोर्स और मॉल सिर्फ होम डिलीवरी करेंगे और गली-मौहल्ले के किराना दुकाने ही ग्राहकों को सामान बेच पाएंगे। वही हिंदुस्तान लिवर लिमिटेड का सीएनए वेजेंट्स सुपर बाजार 400 स्टाफ काम करते है। इस जगह ना तो कोई सोशल डिस्टेंसिंग है और ना ही कोई मास्क का प्रयोग कर रहा है। जिला प्रशासन के नोडल अधिकारियों को राजधानी के सभी प्रमुख माल और सुपर बाजार में आदेश की अवहेलना को लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।

कारोबारियों पर सख्ती बेवजह, चेंबर बना मूकदर्शक: राजेश वासवानी

लॉकडाउन के दौरान अनधिकृत कारोबार करने वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ निगम की टीम कड़ी कार्रवाई कर रही है आज भी सुबह जवाहर नगर में विजय आलू भण्डार के खिलाफ कार्रवाई की और जुर्माना वसूला। वही रामसागर पारा में जय बाबा ट्रेडर्स के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है और 20 हज़ार जुर्माना वसूला गया है। वही संतोषी नगर में एक डिपार्टमेंटल स्टोर खुला मिला। शटर के अंदर से लोगों को सामान बाहर लाकर दिया जा रहा था। इस स्टोर की पार्किंग में भी बड़ी तादाद में किराना सामान रखा था, जिसे लोगों को बेचा जा रहा था। ये तो व्यापारियों के लिए पक्षपात रवैया जिला प्रशासन का है। जिसका विरोध करते हुए व्यापारिक संघ के नेता राजेश वासवानी ने कहा कि पहले से ही व्यापारी लॉकडाउन की मार को झेल रहा है और निगम द्वारा दुकानों को सील किया जा रहा है, उसके बाद भी चेंबर खामोश है। आगे उन्होंने ने बताया कि जिस दुकान को सील किया गया वहा चेंबर का कोई प्रतिनिधि भी शामिल नहीं हुआ। एक तो व्यापारी पहले से ही परेशान है और सरकार के दिए आदेश अनुसार आलू-प्याज की दुकाने और राशन की दुकाने खुलने की अनुमति मिली थी। अगर कोई दुकानदार इस गाइडलाइन को समझ नहीं पा रहा है तो उसके दुकान को हिदायत देकर बंद करना चाहिए ना कि जुर्माना वसूल करना चाहिए।

टटये तो व्यापारियों पर एक तरह का अत्याचार हो रहा है और सबसे बड़ी बात व्यापारियों के प्रतिनिधि और चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष इस मामले का विरोध ना करके चुप्पी साधे हुए है। चेंबर अध्यक्ष अमर पारवानी क्या प्रशासन से डर रहे है या उनमे क्षमता नहीं है काम करने की।

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