बिलासपुर। सेवा प्रारंभ होने के 3 वर्ष तक पूरा वेतन नहीं देने और प्रोबेशन पीरियड में रखने के खिलाफ सहायक अध्यापकों की ओर से दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. शासकीय महाविद्यालयों के सहायक अध्यापकों को प्रारंभ के वर्षों में 70, 80 एवं 90 फीसदी स्टाइपेंड देने और 3 वर्ष तक प्रोबेशन में रखने के नियम को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
इसमें कहा गया है कि यह संविधान के 42वें संशोधन के विरुद्ध है, जिसमें शिक्षा को राज्य सूची से हटाकर समवर्ती सूची में रख दिया गया है। राज्य सरकार ऐसा कोई नियम नहीं बना सकती जो संसद में बनाए गए नियमों के विरुद्ध हो। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के प्रावधान राज्य के ऊपर बंधनकारी है। ऐसी स्थिति में उन पर 70 से 90 प्रतिशत तक स्टाइपेंड देने का प्रावधान लागू नहीं हो सकता। जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस संजय जायसवाल की डबल बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य शासन और संबंधित पक्षों को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी।