छत्तीसगढ़

कोविड की विभीषिका का पहले ही अनुमान लगा लिया था: टीएस बाबा

Shantanu Roy
26 Aug 2023 5:01 PM GMT
कोविड की विभीषिका का पहले ही अनुमान लगा लिया था: टीएस बाबा
x
छग
अंबिकापुर। टीएस सिंहदेव-इस कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कोविड काल की स्मृतियों पर अपनी बात रखी। बतौर स्वास्थ्य मंत्री कोविड काल के अनुभवों पर उन्होंने बडी ही गहराई से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस बडी आफत को पहले ही भांप लिया गया था। उन्होंने जानकारी दी कि 18 मार्च 2020 को जब छत्तीसगढ में कोविड का पहला केस आया था उसके तीन चार माह पूर्व ही उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर इस बिमारी से निपटने के लिये एक आधारभूत चिकित्सीय ढांचे का निर्माण कर लिया था। इसी कारण छत्तीसगढ में कोविड के शुरुआती दौर में जब कम केस आ रहे थे तब रायपुर में कोविड नियंत्रण के लिये बने अस्पताल में लोगों का इलाज किया। इस दौरान विभिन्न जिलों के जिला अस्पतालों में भी तेजी से कोविड चिकित्सा इकाईयों का गठन किया गया। अम्बिकापुर के कोविड वार्ड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब अम्बिकापुर में कोविड का पहला मामला आया तब स्वास्थ्य विभाग सशंकित था कि मरीज का इलाज अम्बिकापुर में किया जाये या उसे रायपुर लाया जाये। तब अम्बिकापुर की मेडिकल टीम पर भरोसा करते हुए मरीज का इलाज अम्बिकापुर के कोविड सेंटर में कराने का निर्णय लिया गया। सरगुजा के पहले कोविड मरीज का सफलतापूर्वक अम्बिकापुर के कोविड सेंटर में इलाज हुआ और इसके बाद अम्बिकापुर के कोविड सेंटर के साथ ही विभिन्न अस्पतालों में हजारो मरीजों का इलाज किया गया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि जहां कोविड के नकारात्मक पक्ष की बहुतायत है, वहीं इसके कई सकारात्मक परिणाम भी सामने आये। कोविड बिमारी के प्रबंधन में समूचे छत्तीसगढ में चिकित्सा क्षेत्र के आधारभूत ढांचे में अभूतपूर्व बढोत्तरी हुई है। सैकडों आईसीयू बेड तैयार हुए हैं। सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हुए हैं।
कोविड के दौरान चेस्ट स्केन की सुविधा स्थापित करने के लिये सभी जिला चिकित्सालयों में सिटी स्केन मशीन लगाया गया, जो आज दूसरी व्याधियों के लिये उपयोग में आ रहा है। कोविडकाल में पूरे देश में मात्र पुणे में कोविड का वॉयरोलॉजी लैब था। आज अकेले छत्तीसगढ में ऐसे लैब की संख्या 14 से अधिक है। कोविडकॉल में छत्तीसगढ के कटघोरा में जो प्रथम व्यापक संक्रमण का फैलाव हुआ था पर एक प्रसंग का उन्होंने जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब कटघोरा में एक साथ कई केस आये तब कोविड के लिये तैयार अमले में इसका सामना करने में कुछ हिचक-कुछ भय देखा जो कि मानव स्वभाव के अनुसार स्वभाविक था। तब स्वयं जाकर स्थिति देखने का निर्णय लिया। मेरे उत्साह को देख मेरी तब की स्वास्थ्य सचिव ने सलाह दी और कहा कि मेरी आयु के मुताबिक यह सही नहीं है। लेकिन मेरे वहां जाने के उत्साह ने कोविड अमले में सक्रियता ला दी। वार रुम में निरंतर ऐसे लोगों का आनाजाना था जो सीधे कोविड के इलाज प्रक्रिया से जुडे हुए थे। इस वजह से स्टाफ के 60-70 लोग संक्रमित हो गये। मुझे स्वयं भी 3 बार कोविड संक्रमण हुआ। इतने संक्रमण के बावजूद भी स्टाफ ने कोविड काल में बेहद सक्रीयता से काम किया जिसके कारण हमें अपने स्टाफ पर गर्व है। उन्होंने जानकारी दी कि आज तक कोविड की बीमारी का कोई सटीक इलाज सामने नहीं आया है। कोविड का न तो कल कोई इलाज था न आज है। इलाज के नाम पर एक शून्य है जिसमें जाकर लडकर हमने कोविड पर जीत दर्ज की है। कार्यक्रम के दौरान मंच पर इस दौरान सीजीएमएससी अध्यक्ष एवं लुण्ड्रा विधायक डॉ प्रीतम राम, औषधीय पादप बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु सिंह, जे पी श्रीवास्तव, द्वितेंद्र मिश्र, राकेश गुप्ता, डॉ आर्या, डॉ आर एन गुप्ता, डॉ जे के रेलवानी मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान शहर के गणमान्य नागरिक भी बड़ी संख्या में मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ अमीन फिरदौसी ने किया।
एक अनूठा आयोजन-जिला रेडक्रॉस सोसायटी की ओर से कोविड वारियरर्स के सम्मान का यह कार्यक्रम न केवल वृहद था, साथ ही अनूठा भी था। इस कार्यक्रम को जिला रेडक्रॉस सोसायटी के चेयरमैन आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने एक दृष्टि दिया था। एक सामान्य कार्यक्रम में सम्मान पत्र वितरण के विपरीत उन्होंने यह तय किया कि कार्यक्रम के दौरान कोविडकाल के विस्मृतियों को सामने रखा जायेगा। उन परिस्थितियों में कार्य करने वाले लोगों के अनुभवों को सामने लाया जायेगा। कार्य करने के वास्तविक क्षणों से संबंधित वीडियो को कार्य करने वालों के अनुभवों के साथ वृतचित्र के रुप में जब बडे डिजिटल स्क्रीन पर सामने रखा गया तब खचाखच भरे कॉलेज ऑडीटोरियम के एक-एक व्यक्ति के स्मृति पटल पल हाल में घटित कोविड के बुरे अनुभव ताजा हुए। आदित्येश्वर ने कहा कि जबतक उन परिस्थितियों की जानकारी नहीं होगी, जिनमें कोविड वारियर्स ने काम किया तबतक उन्हें दिये जाने वाले सम्मान से हम रुबरु नहीं होंगे। कोविड कॉल के दौरान भी आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने जिला रेडक्रॉस सोसायटी के माध्यम से कई महत्वपूर्ण कार्य किये थे, जिसके लिये तात्कालिक राज्यपाल एवं रेडक्रॉस सोयायटी की चेयरमैन अनुसुईया उईके ने उन्हें प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया था।
Tagsछत्तीसगढ़ न्यूज हिंदीछत्तीसगढ़ न्यूजछत्तीसगढ़ की खबरछत्तीसगढ़ लेटेस्ट न्यूजछत्तीसगढ़ क्राइमछत्तीसगढ़ न्यूज अपडेटछत्तीसगढ़ हिंदी न्यूज टुडेछत्तीसगढ़ हिंदीन्यूज हिंदी न्यूज छत्तीसगढ़छत्तीसगढ़ हिंदी खबरछत्तीसगढ़ समाचार लाइवChhattisgarh News HindiChhattisgarh NewsChhattisgarh Ki KhabarChhattisgarh Latest NewsChhattisgarh CrimeChhattisgarh News UpdateChhattisgarh Hindi News TodayChhattisgarh HindiNews Hindi News ChhattisgarhChhattisgarh Hindi KhabarChhattisgarh News Liveदिन की बड़ी ख़बरअपराध खबरजनता से रिश्ता खबरदेशभर की बड़ी खबरताज़ा समाचारआज की बड़ी खबरआज की महत्वपूर्ण खबरहिंदी खबरजनता से रिश्ताबड़ी खबरदेश-दुनिया की खबरराज्यवार खबरहिंदी समाचारआज का समाचारबड़ा समाचारनया समाचारदैनिक समाचारब्रेकिंग न्यूजBIG NEWS OF THE DAYCRIME NEWSLATEST NEWSTODAY'S BIG NEWSTODAY'S IMPORTANT NEWSHINDI NEWSJANATA SE RISHTABIG NEWSCOUNTRY-WORLD NEWSSTATE-WISE NEWSTODAY NEWSNEWS UPDATEDAILY NEWSBREAKING NEWS
Shantanu Roy

Shantanu Roy

    Next Story