छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ से भी रहा नाता, लता मंगेशकर ने गाया था छत्तीसगढ़ी गाना

Nilmani Pal
6 Feb 2022 10:14 AM GMT
छत्तीसगढ़ से भी रहा नाता, लता मंगेशकर ने गाया था छत्तीसगढ़ी गाना
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इमेज - Sudarsan Pattnaik

रायपुर। प्रशंसकों में दीदी और ताई के नाम से मशहूर भारत रत्न, स्वर कोकिला लता मंगेशकर का आज को निधन हो गया। उनका छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ी से भी नाता रहा। 36 भाषाओं में 50 हजार गाने गाने वाली लता ताई ने छत्तीसगढ़ी में एकमात्र गीत छूट जाही अंगना अटारी…. छूटही बाबू के पिठइया गाना गाया, जो इतिहास बन गया। चलिए आपको बताते हैं कैसे पूरी हुई इस गाने की रिकॉर्डिंग।

स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से आज पूरा देश दुखी है। करीब-करीब हर भाषाओं में गाना गाने वाली लता दी ने छत्तीसगढ़ में एक मात्र गीत गाया। जो छत्तीसगढ़ में शादी के मौके पर आपको जरूर सुनने को मिल जाएगा। भकला फिल्म के 'छूट जाही अंगना अटारी…. छूटही बाबू के पिठइया' इस गीत को गवाने के लिए गीतकार को उपवास तक रखना पड़ा था। दरअसल 22 फरवरी 2005 को मुंबई के स्टूडियो में लता दीदी ने ये गाना गाया था। इसके लिए मदन शर्मा ने नवंबर 2004 से लेकर फरवरी 2005 तक चार बार मुंबई के चक्कर लगाए। आखिरी में मदन शर्मा ने तय कर लिया था जब तक लता दी गाना रिकॉर्ड नहीं कर लेंगी तब तक उपवास रखेंगे।

छत्तीसगढ़ी गाने की रिकॉर्डिंग पूरी हुई तो लता दी ने फीस की तय रकम में से 50 हजार रुपए लौटा दिए। कहा था कि ये मेरा पहला छत्तीसगढ़ी गीत है, तो सबको लौटकर मेरी तरफ से मिठाई खिलाना। इससे पहले 9 फरवरी 1980, जब खैरागढ़ स्थित इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय ने लता मंगेशकर को डी-लिट की उपाधि से नवाजा था।


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