छत्तीसगढ़

अमरुद की खेती, डेढ़ लाख का मुनाफा होने का अनुमान

Nilmani Pal
16 Nov 2022 3:54 AM GMT
अमरुद की खेती, डेढ़ लाख का मुनाफा होने का अनुमान
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बेमेतरा। महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत बहुत से ऐसे कार्य हैं जिनकी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लाभ स्पष्ट परिलक्षित होता है योजना के महत्वपूर्ण उद्देश्यों की पूर्ति हेतु जिला बेमेतरा में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत विभिन्न प्रकार के कार्य कराए जा रहे हैं। इसी क्रम में जनपद पंचायत साजा क्षेत्र के ग्राम पंचायत करमू के आश्रित ग्राम तोरण में हितग्राही रज्जू पिता रामजी द्वारा अपने व्यक्तिगत भूमि पर वित्तीय वर्ष 2020-21 में फलदार पौधे का रोपण किया गया था। जिसका स्पष्ट परिणाम वर्तमान में परिलक्षित हो रहा है। हितग्राही के लगभग एक एकड़ भूमि में 500 अमरूद के पौधे रोपित किए गए थे, जो कि लगभग 2 साल में फलों से लदा हुआ है। हितग्राही श्री रज्जू द्वारा बताया गया कि इस वर्ष फलों से लगभग एक से डेढ़ लाख रुपये का सीधे तौर पर लाभ उनको होगा।

योजना का उद्देश्य ना केवल लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना है वरन उससे लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त करना है जिससे ना केवल वह खुद की आर्थिक स्थिति मजबूत कर सके और अन्य लोगों को भी रोजगार दे सके। किसान रज्जू द्वारा उक्त भूमि पर पूर्व में सब्जी आदि की खेती की जा रही थी, परंतु महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत जनपद पंचायत साजा से पौधरोपण कराये जाने की जानकारी प्राप्त होने पर उनके द्वारा परंपरागत खेती से हटकर कुछ नया प्रयोग करने के लिए मन बनाया, जिसका लाभ उनको अब होने लगा है। इस कार्य से ना केवल हितग्राही को सीधे तौर पर लाभ हो रहा है बल्कि गांव के कुछ अन्य श्रमिकों को भी इससे रोजगार उपलब्ध हो रहे हैं। जनपद पंचायत साजा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं कार्यक्रम अधिकारी द्वारा बताया गया कि लोग ऐसे कार्यों का अनुसरण जरूर करें एवं परंपरागत खेती के अलावा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से अन्य प्रकार की खेती को भी बढ़ावा दे सकते हैं। जिसमें प्रमुख रूप से मूनगा, नींबू, आम, जामुन, अमरूद आदि का वृक्षारोपण एवं मत्स्य पालन के साथ-साथ पशुपालन प्रमुख रूप से शामिल है। परियोजना अधिकारी द्वारा अधिक से अधिक ग्रामीण परिवारों को इन कार्यों से जुड़ने के लिए अपील की गई, साथ ही जल संरक्षण के कार्यों को प्राथमिकता से कराए जाने के लिए व्यक्तिगत जमीन पर निजी डबरी का निर्माण कर संरक्षित जल से सिंचाई के साथ-साथ मत्स्य पालन कर दोहरे लाभ लेने की समझाइश दी गई। योजनांतर्गत उक्त सभी कार्य निःशुल्क रूप से पात्र ग्रामीण हितग्राहियों को प्रदाय किया जा रहा है। योजना की विस्तृत जानकारी के लिए हितग्राही संबंधित ग्राम पंचायत अथवा जनपद पंचायत साजा में संपर्क कर सकते हैं। वर्तमान में जहां किसान परंपरागत खेती से हटकर दूसरी प्रकार की खेती करने से घबराते हैं वहीं श्री रज्जू द्वारा अपने जमीन पर पौधरोपण का कार्य कराया जाना एक सकारात्मक उदाहरण है।

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