छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़: नकली ITC बिल जारी कर 68 करोड़ से अधिक की जीएसटी चोरी का मामला, विभाग ने सात मामले किए दर्ज
Nilmani Pal
22 Sep 2022 4:37 PM GMT
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सीजी न्यूज़
रायपुर: केंद्रीय माल एवं सेवा कर ने नकली आइटीसी बिल जारी कर 68 करोड़ से अधिक की जीएसटी चोरी करने वाले सात संस्थानों पर बड़ी कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि ये संस्थान प्रदेश के साथ ही प्रदेश के बाहर के भी करदाताओं को आइटीसी पारित कर रहे थे। विभाग का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में आइटीसी रैकेट संचालित करने वाले व्यक्तियों की पहचान भी हो जाएगी और उन पर कड़ी कार्रवाई होगी।
केंद्रीय माल एवं सेवा कर के प्रधान आयुक्त अतुल गुप्ता ने बताया कि विभाग द्वारा इन नकली आइटीसी बिल जारी करने वाली सात पार्टियों के विरुद्ध अभियान चलाया गया था। ये संस्थानों में बिजोटिक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, गोल्डन ट्रेडर्स, एआरएल ट्रेडिंग कंपनी, देवी ट्रेडिंग कंपनी, बद्री इंटरप्राइजेस, कुमार ट्रेडर्स और सिंह ब्रदर्स है। इनसे 68.04 करोड़ की कर चोरी का खुलासा हुआ है। इन फर्जी संस्थानों द्वारा किसी भी प्रकार के माल की वास्तविक आपूर्ति किए बिना आइटीसी प्राप्त करने और दूसरे राज्यों के करदाताओं को आइटीसी पारित कर रही थी।
आइटीसी क्लेम करने ये होता है जरूरी
किसी भी गुड्स की इनपुट टैक्स क्रेडिट सिर्फ जीएसटी में रजिस्टर्ड व्यक्ति को ही दी जाती है। जो व्यक्ति जीएसटी में रजिस्टर्ड नहीं है, उसे क्रेडिट नहीं दिया जाता। क्रेडिट सिर्फ बिजनेस के लिए काम में आने वाले गुड्स को ही दिया जाएगा। व्यक्तिगत काम में आने वाले गुड्स की क्रेडिट नहीं दी जाएगी। अगर कोई गुड्स व्यक्तिगत और व्यवसाय दोनों में काम आता है तो गुड्स के व्यवसाय में आने वाले पार्ट की ही छूट दी जाएगी। इसके साथ ही इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करने के लिए बिल के साथ टैक्स चार्ज्ड, टोटल वैल्यू आफ सप्लाइ गुड्स एंड सर्विसेज, गुड्स एंड सर्विसेज की डिटेल, इंटर स्टेट सेल की जानकारी होनी चाहिए।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में 600 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ाई थी
विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदेश में 600 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी थी। बताया जा रहा है कि 200 से अधिक टैक्स चोरी पकड़ाई थी। इसके साथ ही बीते साढ़े पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ से केंद्र को 50 हजार करोड़ से अधिक का जीएसटी मिला है।
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