छत्तीसगढ़

दादा-चाचा ने मिलकर पोती-भतीजी के साथ किया गलत काम, कोर्ट ने सुनाई इतने साल की सजा

Shantanu Roy
11 Feb 2022 5:05 PM GMT
दादा-चाचा ने मिलकर पोती-भतीजी के साथ किया गलत काम, कोर्ट ने सुनाई इतने साल की सजा
x

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मनेन्द्रगढ़। पोती और भतीजी के साथ रेप के आरोपी दादा और चाचा को अपर सत्र न्यायाधीश एफटीएससी (पॉक्सो) मनेंद्रगढ़ आनंद प्रकाश दीक्षित की अदालत ने आजीवन कारावास एवं दादी को 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजक की ओर से मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक जीएस राय ने की।

न्यायालयीन सूत्रों के अनुसार पीडि़ता के माता-पिता शराब पीकर घर में अशांति का माहौल निर्मित करते थे, जिससे परेशान होकर वह दिसंबर वर्ष 2018 में अपने दादा-दादी के घर चली गई, जहां पीडि़ता के साथ उसके दादा ने रेप किया। इसके बाद पीडि़ता पुन: अपने माता-पिता के घर वापस आ गई, लेकिन माता-पिता के द्वारा आए दिन शराब सेवन करने से वह परेशान होकर पुन: अपने दादा के घर चली गई, जहां दादा के द्वारा जब उसकी इच्छा होती, पोती के साथ रेप किया जाता। इस संबंध में वह अपनी दादी को बताती थी, लेकिन उसके द्वारा पीडि़ता को डांट कर चुप करा दिया जाता और यह कहा जाता कि इस बात को दूसरे को बताओगी तो तुम्हारी बदनामी होगी।
इसके बाद पीडि़ता अपने चाचा के घर गई थी, जहां रात में चाचा ने पीडि़ता को जबरन उठाकर भैंस ढूंढने जाने बोलकर भुकभुकी जंगल ले जाकर उसे टांगी दिखाकर जान से मारने की धमकी देकर रेप किया गया। इसकी भी जानकारी पीडि़ता ने दादी को दी थी, लेकिन उसके द्वारा पुन: डांट-फटकार कर उसे चुप करा दिया गया।
दादा ने पीडि़ता के साथ आखिरी बार 13 मई 2020 को रेप किया, जिससे परेशान होकर उसने आत्महत्या करने की नीयत से चूहा मारने की दवाई खा लिया। पीडि़ता की शिकायत के आधार पर आरक्षी केंद्र खडग़वां द्वारा आरोपियों के विरूद्ध विभिन्न धाराओं के तहत् केस दर्ज कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। पुलिस द्वारा अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किए जाने पर न्यायाधीश द्वारा संपूर्ण पहलुओं पर गौर करने के उपरांत आरोपी दादा को अधिनियम की धारा 6 के अपराध में आजीवन कारावास तथा 1 हजार रूपए अर्थदंड, आरोपी चाचा धारा 506 (भाग-दो) आईपीसी के अपराध में 2 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 500 रूपए अर्थदंड एवं अधिनियम की धारा 6 के अपराध में आजीवन कारावास व 1 हजार रूपए अर्थदंड एवं दादी को अधिनियम की धारा 6 सहपठित धारा 17 के अपराध में 20 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 1 हजार रूपए अर्थदंड एवं अधिनियम की धारा 21 के अपराध में 6 माह के सश्रम कारावास तथा 500 रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।


Next Story