छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में ग्रामीण बंद को मिली व्यापक सफलता

Shantanu Roy
16 Feb 2024 2:08 PM GMT
छत्तीसगढ़ में ग्रामीण बंद को मिली व्यापक सफलता
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छग
रायपुर। ट्रेड यूनियनों के औद्योगिक हड़ताल और किसान संगठनों के ग्रामीण बंद के आह्वान को छत्तीसगढ़ में व्यापक सफलता मिली है। प्रदेश के सभी जिलों में गांवों में ग्रामीणों ने मोदी सरकार की किसान और कृषि विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। इन विरोध कार्यवाहियों के चलते गांवों में काम काज ठप्प रहा। संयुक्त किसान मोर्चा और छत्तीसगढ़ किसान सभा ने सफल ग्रामीण बंद के लिए आम जनता का, विभिन्न सामाजिक संगठनों का और कांग्रेस और वामपंथी दल का आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने इस बंद को अपना समर्थन-सहयोग दिया है।
आज यहां जारी एक प्रेस बयान में छत्तीसगढ़ किसान सभा के संयोजक संजय पराते, सह संयोजक ऋषि गुप्ता और वकील भारती ने कहा है कि इस बंद ने ग्रामीण आजीविका से जुड़े मुद्दों को फिर से राजनैतिक परिदृश्य में ला दिया है। अब यह मोदी सरकार को तय करना है कि फसल की सी-2 लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने और किसानों को कर्जमुक्त करने जैसे 2014 से लंबित वादों को वह पूरा करना चाहती है या नहीं, अन्यथा किसान लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को सत्ता से हटाने और किसानों के प्रति संवेदनशील पार्टी को सत्ता में लाने के लिए पूरा जोर लगाएंगे।
किसान सभा नेता ने बताया कि छत्तीसगढ़ में ग्रामीण बंद में हसदेव के जंगलों का विनाश रोकने, प्राकृतिक संसाधनों की लूट पर रोक लगाने, पेसा, वनाधिकार और मनरेगा कानून को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने, बस्तर में आदिवासियों पर हो रहे राज्य प्रायोजित हमलों को रोकने, भूमि अधिग्रहण से प्रभावित परिवारों को रोजगार देने और उनका मानवीय सुविधाओं के साथ पुनर्वास करने आदि मांगों को भी जोड़ा गया था। आंदोलन में शामिल विभिन्न संगठनों ने स्थानीय स्तर की मांगों को जोड़कर इसे मजदूर किसान और आम जनता की एकता का रूप दे दिया था। किसान सभा और संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली मार्च के आह्वान में शामिल किसानों पर बर्बर हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गठित सरकारी समिति छलावा है, क्योंकि इसके सभी सदस्यों का इस मुद्दे पर विरोध सार्वजनिक है। उन्होंने कहा है कि धर्म और जाति के नाम पर आम जनता की एकता को तोड़ने की साजिश नाकाम की जाएगी।
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