खबरनवीसों से घिरे रहने वाले खुद खबर बन गए-
रायपुर (जसेरि)। अपनी हेकड़ी और दबंगई से प्रशासन चलाने वाले निलंबित आईपीएस जीपी सिंह कभी खबरनवीसों से घिरे रहते थे,अब खुद खबर बन गए है। कोर्ट ने सीबीआई रिमांड के खत्म होने के बाद जीपी सिंह को 14 दिन की रिमांड पर जेल भेजा है। जहां उनकी शानो-शौकत वाली दिनचर्या के विपरीत सुविधाएं मिलने से रात भर बैचन रहते है। जेल प्रशासन ने सामान्य कैदी की तरह जमीन पर सोने के लिए बिछौना दिया और जेल में बने भोजन को खाने के लिए दिया। घर से पहुंचे टिफिन को जेल प्रशासन ने यह कहकर लौटा दिया कि उन्हें कैदियों की तरह ही सामान्य भोजन मिलेगा, घर का भोजन एलाउ नहीं है।
घर में मखमली बिस्तर पर सोने वाले जीपीसिंह को बिना तकिए के चादर और कंबल के भरोसे जमीन पर सोना पड़ा। बुधवार को मच्छर काटने की शिकायत पर जेल प्रशासन ने मच्छर मारने वाली अगरबत्ती उपलब्ध कराई जीपी सिंह ने दलिया खाकर पहली रात गुजारी, वहीं सुबह नास्ता में टोस्ट ,बिस्किट की मांग की। जेल प्रशासन ने जेल मैन्युअल में बीमार बंदियों के लिए टोस्ट-बिस्किट उपलब्ध कराने के प्रावधान होने पर उन्हें उपलब्ध कराया। जीपी सिंह के धार्मिक ग्रंथ मांगने पर उनके घर से ग्रंथ उपलब्ध कराया गया।
फरारी के दौरान मदद करने वालों की कुंडली हो रही तैयार
फरारी से पहले और फरारी के बाद जीपी सिंह के मदद करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए आर्थिक अपराध शाखा ने राजधानी रायपुर और देश की राजधानी दिल्ली के मददगारों की कुंडली तैयार कर रही है। जीपी सिंह के मददगारों की सूची बना ली गई है। 6 दिनों के पुलिस रिमांड के दौरान जीपी ने ज्यादातर सवालों के जवाब न में दिए थे। हालांकि शाखा चार सौ पन्नों की कुंडली बनाकर कोर्ट में पेश किया था। जीपी सिंह के खिलाफ पुृख्ता सबूत जुटाने इनके साथियों, लाखों का निवेश व फरार कराने के साथ शाखा की एक-एक गतिविधियों की सूचना देने वाले कुछ विभागीय कर्मचारियों से पूछताछ की जाएगी। सूत्रों की माने तो चार माह तक फरारी के दौरान जीपी सिंह की एक शख्स से लगातार बातचीत होती थी,जिसको हिरासत में लेकर पूछताछ की तैयारी चल रही है। शाखा ने अपने जांच प्रतिवेदन में भी शख्स के नाम का उल्लेख किया है कि गिरफ्तार होने के पहले तक जीपी सिंह से बातचीत करने के ठोस सबूत मिले है। इसके अलावा उनके करीबियों में मनीभूषण, प्रीतपाल सिंह और एक सीए पर एकबार और शिकंजा कस सकता है। जांच के दौरान जीपी के तरफ से दोस्त मनीभूषण के घर में छिपाकर रखा गया दो किलो सोना और प्रीतपाल सिंह के घर से नकद 13 लाख रुपए बरामद किया गया था। शाखा के अधिकारियों ने जीपी सिंह से जब पूछा था कि आखिर क्या वजह थी कि अपने दोस्त के घर सोना, नकदी छिपानी पड़ी।
तपन सरकार की जीपी पर खास दृष्टि
सेंट्रल जेल में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में दाखिल किए जीपी सिंह ने अपने वकीलों के माध्यम से कोर्ट में जेल के भीतर जान का खतरा बताया। मामला तब का है जब जीपी सिंह दुर्ग आईजी थे, उस समय कुख्यात गैंगस्टर तपन सरकार और उसके कई गुर्गों को जेल भेजा था। वर्तमान में तपन सरकार और उनके साथी केंद्रीय जेल में है। लिहाजा कोर्ट के आदेश पर कोरोना संकटकाल में क्वारंटाइन कक्ष में तब्दील किए गए, एक नंबर विशेष सेल में जीपी सिंह को अकेला रखा गया, उनके पीछे स्थित विशेष सेल में कालीचरण को रखा गया है।