छत्तीसगढ़

पार्श्व तीर्थ नगपुरा पहुंचे राज्यपाल बैस

Nilmani Pal
9 April 2024 12:30 PM GMT
पार्श्व तीर्थ नगपुरा पहुंचे राज्यपाल बैस
x

दुर्ग। महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस आज दुर्ग जिले के नगपुरा स्थित श्री उवसग्गहंर पार्श्व तीर्थ पहुंचे। उन्होंने यहां पर सहपरिवार भगवान श्री पार्श्वनाथ का पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया और मंदिर भ्रमण किया। यहां पर मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने राज्यपाल बैस को शॉल एवं स्मृति चिन्ह भेंट किये। राज्यपाल बैस मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित गौ-शाला का भी भ्रमण किया। इस दौरान ट्रस्ट के अध्यक्ष गजराज पगारिया और अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

ज्ञात हो कि प्राकृतिक दृश्यों के मध्य शिवनाथ नदी के किनारे स्थित 23 वें तीर्थंकर भगवान श्री पार्श्वनाथ का यह मंदिर लगभग 3000 साल पहले उनके श्रमण काल में इस क्षेत्र में श्रमैन (त्याग के माध्यम से आत्म-प्राप्ति के लिए समर्पित एक भम्रणशील भिक्षुक) के रूप में उनकी पवित्र यात्रा का स्मृति दिलाता है। बिखरे हुए जैन मूर्तिकला के अवशेष, भक्तों की बड़ी संख्या और भगवान के चरण चिन्हों के साथ प्राचीन मंदिर ऐतिहासिक रूप से इस क्षेत्र के लिए भगवान की यात्रा को साबित करते है। इस प्राचीन मूर्ति के मिलने से लेकर पुनः स्थापित होने तक चमत्कारीक तरीका भी स्पष्ट रूप से, उनकी दिव्य कृपा साबित करता है। यह मंदिर पत्थरों पर उत्कीर्ण जैन-भक्ति दर्शन का एक महाकाव्य है। इस तीर्थस्थान की यात्रा, यात्रियों को उदार आचरण, आत्म-अनुशासन, तपस्या और समानता को प्रेरित करती है।

यह 1995 में नागपुरा में स्थापित एक जैन मंदिर है। परिसर में मंदिर, गेस्ट हाउस, एक बगीचा और प्राकृतिक चिकित्सा व योग केंद्र स्थित हैं। संगमरमर से बने भगवान श्री पार्श्वनाथ के इस मंदिर का प्रवेश द्वार 30 फीट गेट के माध्यम से है, जिसमें चार स्तंभो (जो आध्यात्मिक जीवन के चार आवश्यक तत्वों यथा ज्ञान, आत्मनिरीक्षण, अच्छा आचरण, तपस्या का प्रतिनिधित्व करती है) पर स्थित भगवान श्री पार्श्वनाथ की मूर्ति है, जिसकी दो हाथियों द्वारा पूजा की जा रही है। मूर्ति से पवित्र जल, अमीया, रसता है। सैकड़ों तीर्थयात्री इस मंदिर को पूर्णिमा के दिन दर्शन करने आते हैं।

Next Story