छत्तीसगढ़

राज्यपाल अनुसुईया उइके इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन द्वारा 'महिला स्वास्थ्य और उद्यमिता' विषय पर आयोजित वेबिनार में हुई शामिल

jantaserishta.com
7 March 2022 2:40 AM GMT
राज्यपाल अनुसुईया उइके इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन द्वारा महिला स्वास्थ्य और उद्यमिता विषय पर आयोजित वेबिनार में हुई शामिल
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रायपुर: राज्यपाल अनुसुईया उइके आज इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन एवं आयुष मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आगामी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दृष्टिगत ''महिला स्वास्थ्य और उद्यमिता'' विषय पर आयोजित वेबिनार में शामिल हुई। वेबिनार में महिलाओं के स्वास्थ्य जैसे अनछुए विषय पर विशेषज्ञों द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई।

राज्यपाल सुश्री उइके ने अपने निवास कार्यालय से दीप प्रज्ज्वलित कर वेबिनार की विधिवत शुरूआत की। राज्यपाल ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान परिदृश्य में विशेषकर कोविड जैसी भयावह महामारी के उपरांत लोगों का प्राकृतिक चिकित्सा और योग की तरफ रूझान बढ़ा है। महामारी ने हमें संदेश दिया है कि प्रकृति से जुड़ाव ही हमारे अस्तित्व का मूल है। इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा के प्रचार-प्रसार तथा इसके सकारात्मक प्रभावों की जानकारी देने के उद्देश्य से किये जा रहे प्रयास सराहनीय है। विशेष कर आजादी के 75वें वर्षगांठ और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर महिला सशक्तिकरण से इतर उनकेे स्वास्थ्य पर चर्चा प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि ''रोग मुक्त भारत अभियान'' के माध्यम से आयुष मंत्रालय प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से लोगों को लाभान्वित करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। निश्चित ही इसके माध्यम से भारत की ग्रामीण आबादी को हमारी पुरातन व प्रभावी चिकित्सा पद्धतियों का लाभ मिलेगा।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि समाज में महिला स्वास्थ्य को लेकर आज भी जागरूकता की कमी दिखाई देती है। पुरूषों और महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं तथा स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव अलग-अलग होते हैं। महिलाओं को उम्र के विभिन्न पड़ावों में तरह-तरह की स्वास्थ्यगत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। समाज में महिला स्वास्थ्य को लेकर कभी गंभीर चिंतन नहीं किया जाता। कई बीमारियों के प्रति महिलाएं अधिक संवेदनशील होती हैं, इसके लिए महिलाओं को जागरूक होने की आवश्यकता है। आधुनिक शोध में यह भी पाया गया कि महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए दवाईयां भी उनकी आवश्यकता अनुसार तैयार की जानी चाहिए। ऐसे में नियमित दिनचर्या, प्राकृतिक उपचार तथा योग आदि स्वस्थ रहने में मददगार साबित हो रहे हैं। प्रकृति का सान्निध्य आपको शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत बनाता है, इससे रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि मुझे प्रकृति से बेहद लगाव है तथा अलग-अलग समय में ऐसे अभियानों से जुड़ी रही हूं। साथ ही लोगों से अपने परिवेश से जुड़े रहने तथा उसे स्वच्छ रखने की अपील भी की। इस दौरान राज्यपाल सुश्री उइके ने विभिन्न पदों पर रहते हुए महिलाओं के समस्याओं से जुड़े विभिन्न विषयों पर अपने अनुभव भी साझा किए।
वेबिनार को सांसद डॉ. हीना गावित, अंतर्राष्ट्रीय नेचुरोपैथी संस्थान के अध्यक्ष पद्मश्री जयप्रकाश अग्रवाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनंत बिरादर, राष्ट्रीय नेचुरोपैथी संस्थान पुणे के निदेशक डॉ. के. सत्य लक्ष्मी, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान नई दिल्ली के निदेशक डॉ. तनुजा नेसारी, आयुष हरियाणा के निदेशक डॉ. संगीता नेहरा ने भी संबोधित किया।


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