छत्तीसगढ़

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने भगत सिंह की जयंती पर किया नमन

Nilmani Pal
28 Sep 2022 4:46 AM GMT
राज्यपाल अनुसुईया उइके ने भगत सिंह की जयंती पर किया नमन
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रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने भगत सिंह की जयंती पर नमन किया। और कहा - माॅं भारती के रक्षार्थ अपने प्राणों की आहुति देने वाले, देशभक्ति एवं पराक्रम के अद्वितीय प्रतीक शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन।

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गुलाम भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने के लिए कई भारतीय क्रांतिकारी शहीद हो गए। इनमें भगत सिंह का नाम प्रमुख है। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 में हुआ था। देश को आजादी दिलाने के लिए भगत सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। अंग्रेज अधिकारियों से टक्कर लेने वाले भगत सिंह को सेंट्रल असेंबली में बम फेंकने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था। जेल में अंग्रेजी हुकूमत की प्रताड़ना झेलने के बाद भी भगत सिंह ने आजादी का मांग को जारी रखा। कोर्ट में केस के दौरान उन्हें मौका मिला कि वह देशभर में आजादी की आवाज को पहुंचा सकें। उन्हें अंग्रेजों ने फांसी की सजा सुनाई थी और तय तारीख से एक दिन पहले यानी 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दे दी थी। आज शहीद क्रांतिकारी भगत सिंह की जयंती है।

भगत सिंह आजादी की लड़ाई तो लड़ रहे थे लेकिन उन दिनों सोशल मीडिया जैसे माध्यम नहीं थे, जो उनकी आवाज को देशभर में फैला सकें। अंग्रेजों को अपनी मांगों के बारे में बताने के लिए और पूरे देश में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ अपनी आवाज पहुंचाने के लिए भगत सिंह ने एक धमाका किया। यह धमाका 8 अप्रैल को सेंट्रल असेंबली में हुआ। इसमें कोई घायल नहीं हुआ लेकिन देशभर के समाचार पत्रों में इस धमाके की गूंज जरूर सुनाई दी। इसके बाद भगत सिंह और उनके साथ बटुकेश्वर दत्त को बम फेंकने के लिए गिरफ्तार करके दो साल की जेल की सजा सुनाई गई।

भगत सिंह जेल की सलाखों के पीछे जरूर बंद थे लेकिन यहां से भी उनका आंदोलन जारी रहा। वह लेख लिखकर अपने विचार व्यक्त करते थे। हिंदी, पंजाबी, उर्दू, बंग्ला और अंग्रेजी के तो वह जानकार थे ही। इसी का लाभ उठाकर उन्होंने देशभर में अपना संदेश पहुंचाने का प्रयास जारी रखा। अदालत की कार्यवाही के दौरान पत्रकार जब कोर्ट में होते, तो भगत सिंह आजादी की मांग को लेकर ऐसी जोशीली बाते कहते, जो अगले दिन अखबारों के पहले पन्ने पर नजर आतीं और हर नागरिक का खून आजादी के लिए खौल उठता।


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