विधायक निधि का इस्तेमाल अपने इलाकों में कर सकेंगे
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार विधायकों को उनके विधायक निधि की राशि लौटाएगी। प्रदेश में जब कोरोना की दूसरी लहर आई, तो सरकार ने लोगों का इलाज करने के लिए धन जुटाने के प्रयास में विधायक निधि का उपयोग करने का फैसला किया था। प्रदेश में अब संक्रमण की दर अत्यंत कम होने तथा हालात सामान्य होने पर सरकार का विचार है कि विधायक निधि की राशि 180 करोड़ रुपए विधायकों को लौटा दी जाए। प्रदेश के हर विधायक को साल में 2 करोड़ रुपए अपने क्षेत्र में खर्च करने के लिए मिलते हैं।
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें, तो राज्य सरकार ने इस बात पर गंभीरता से विचार किया है कि कोरोना काल के दौरान विधायकों की निधि से लिए गए दो-दो करोड़ रुपए, कुल मिलाकर 180 करोड़ रुपए विधायकों को वापस किए जाएं। ऐसा करने से राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में विधायकों की अनुशंसा पर कई जरूरी काम हो सकेंगे। बताया गया है कि सरकार ने इस बारे में विचार विमर्श पूरा कर लिया है।
बताया गया है कि जब सरकार ने विधायक निधि कोरोना के लिए लेने का फैसला किया था, उससे पहले तक कुछ विधायकों ने अपने क्षेत्रों के लिए कार्यों की अनुशंसा कर दी थी। इसके पालन में आवंटन जारी हो गया था। सूत्रों के अनुसार यह राशि 27 करोड़ रुपए के आसपास थी। अब सरकार जब विधायक निधि का पैसा वापस करने का फैसला करने जा रही है, तो ये विचार भी किया गया कि खर्च हो चुकी राशि का क्या किया जाए। पता लगा है कि सरकार ने तय किया है कि जितनी राशि खर्च हो चुकी है, उसे काटा नहीं जाएगा, बल्कि ये राशि खुद सरकार अपने खजाने से अदा करेगी।
राज्य सरकार ने जब विधायक निधि कोरोना फंड में लेने का फैसला किया था, तब मुख्य विपक्षी भाजपा ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया था। विपक्ष का कहना है था कि जब केंद्र सरकार कोरोना के इलाज के लिए संसाधन दे रही है, तो फिर राज्य सरकार को यह कटौती करने की जरूरत ही क्या है। हालांकि सरकार ने उस समय विपक्ष की बात नहीं मानी थी, लेकिन अब हालात बदले, तो खुद सरकार ने यह राशि वापस करने का विचार किया है।
विपक्ष के विधायकों ने की थी विधायक विकास निधि लौटाने की मांग: कौशिक : नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कोरोनाकाल में टीकाकरण के नाम पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा लिए गए विधायक विकास निधि की राशि वापस लौटाने की मांग की थी। केन्द्र सरकार द्वारा टीकाकरण नि:शुल्क किए जाने के निर्णय के बाद की मांग भी विधायकों की ओर से उठने लगी थी। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अंतत: विपक्ष के दबाव में यह फैसला लिया है कि विधायक विकास निधि अब विधायकों को क्षेत्र विकास के लिए लौटा दी जाएगी। जिसकी मांग वे प्रदेश सरकार से कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस कोरोना काल में क्षेत्रीय स्तर पर विधायक विकास निधि से आवश्यक संसाधन जुटाए गए है,जिसकी मांग लंबे समय से क्षेत्रवासी करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की लड़ाई में सबकी सहभागिता जरूरी है। इस दिशा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश ही नहीं वैश्विक स्तर पर अनुकरणीय कार्य कर रहे हैं। उनकी संवेदनशील फैसले की वजह से ही 18 वर्ष आयु से ऊपर के लोगों को कोरोना के टीके नि:शुल्क लग पाएंगे। इसके लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने विधायक विकास निधि के माध्यम से विधायकों से यह राशि ले लिया था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस फैसले के बाद इस राशि की आवश्यकता टीकाकरण को लेकर नहीं है,जिसके बाद से यह मांग उठने लगी थी कि राशि विधायकों को लौटाना न्याय संगत होगा। इसके लिए विपक्ष लगातार प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर दबाव बना रही थी कि यह राशि विधायकों को लौटा दी जाए। इसके बाद से प्रदेश सरकार ने यह राशि लौटाने का फैसला लिया है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि यह राशि शत-प्रतिशत लौटाई जाए यह बात भी प्रदेश सरकार द्वारा सुनिश्चित की जानी चाहिए।