बालोद। जिले के गुरुर विकासखंड स्थित ग्राम पेवरों में 2 बीमार बच्चों के लिए एक पिता ढाल बनकर अधिकारियों के दफ्तर से लेकर सीएम बघेल तक अपनी समस्या को पहुंचा चुके हैं, ताकि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे उनके दो बच्चे कुणाल और चेतक स्वस्थ हो सकें. लेकिन सुस्त सिस्टम की वजह से आज भी बच्चों के पिता इलाज की मदद के लिए दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर हैं. जिनकी समस्या तो सब सुनते हैं, लेकिन सामधान के नाम पर केवल इंतजार और इंतजार ही मिला है. हालांकि, कलेक्टर ने भी अब मदद का भरोसा दिलाया है.
दरअसल, बालोद जिले के गुरुर विकासखंड स्थित ग्राम पेवरों के रहने वाले हेमंत साहू के पुत्र कुणाल और चेतक कक्षा छठवीं और सातवीं में पढ़ाई कर रहे हैं. दोनों मासूम बच्चों को मस्कुला डिस्ट्रॉफी नामक बीमारी है, जिनके इलाज के लिए लाखों का खर्च होना है. लेकिन बेबस परिवार के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वे अपने दोनों बच्चों का इलाज करवा सके. ऐसे में मजबूर पिता ने मुख्यमंत्री बघेल से भेंट मुलाकात कार्यक्रम में गुरुर पहुंचकर अपने बेटों की समस्या बताई.
वहीं समस्या सुनने के बाद मुख्यमंत्री बघेल ने भी उन्हें भरोसा दिलाया कि, चाहे उनके बच्चों को इलाज के लिए 10 लाख रुपए लगे या 20 लाख रुपए लगे सरकार तमाम खर्च करेगी. जिसके बाद बेबस पिता के मन में भी भरोसा जागा कि, उनके बच्चों का सफल इलाज हो पाएगा. लेकिन समय बीतते गया पर किसी भी जिम्मेदार ने उन बच्चों के तरफ ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते आज भी लड़खड़ाते कदमों से बच्चे स्कूल जाते हैं और पढ़ाई करते हैं, ताकि उनका भविष्य संवर सके. पिता भी इसी उम्मीद के साथ जी रहे हैं कि, कभी ना कभी ऐसा दिन आएगा कि उनके बच्चों का इलाज सरकार करवा देगी और वे भी दूसरे बच्चों की तरह खेलकूद सकेंगे. इसी उम्मीद के साथ पिता सरकारी कार्यालयों और अधिकारियों के दफ्तरों का चक्कर लगाते रहते हैं.