छत्तीसगढ़
गोवर्धन पूजा कार्यक्रम, देखें सीएम हाउस से LIVE VIDEO...
Shantanu Roy
26 Oct 2022 9:38 AM GMT

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छग
रायपुर। देवारी तिहार और गोवर्धन पूजा के लिए मुख्यमंत्री निवास सज-धज कर तैयार हो गया और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कार्यक्रम में शामिल भी हो गए है। धूमधाम से मानने की तैयारी। धान की बालियां, आम पत्ता, गेंदा फूल से मुख्यमंत्री निवास का परिसर सजाया गया है।
LIVE: गोवर्धन पूजा कार्यक्रम (मुख्यमंत्री निवास, रायपुर) https://t.co/ydnysy9N4J
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) October 26, 2022
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार छत्तीसगढ़ में दीपावली अच्छे से मनाई गई।दीपावली के कुछ दिन पहले 17 अक्टूबर को न्याय योजनाओं के अंतर्गत करीब 1900 करोड़ रुपए की राशि का अंतरण किसानों, पशुपालकों, स्व सहायता समूहों, भूमिहीन कृषि मजदूरों को किया गया था। इसके साथ ही कर्मचारियों के डीए में बढ़ोतरी भी कर दी गई थी। इससे इस साल भी छत्तीसगढ़ में बहुत उत्साह से दीपावली मनाई गई है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री निवास में आयोजित देवारी तिहार एवं गोवर्धन पूजा उत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ में एक दूसरे के घर में दीपक पहुंचाने की परंपरा है।
सभी प्रदेशवासियों को देवारी, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, मातर और गौठान दिवस की बधाई और शुभकामनाएं।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) October 26, 2022
गोवर्धन एवं देवारी तिहार| मुख्यमंत्री निवास, रायपुर pic.twitter.com/Q337FC23E4
यह परंपरा लक्ष्मी पूजा से शुरू होती है, गौरा-गौरी पूजन, गोवर्धन पूजा तक इस परंपरा का निर्वहन होता है। दीपावली, भगवान राम के अयोध्या आगमन के उत्सव का त्योहार है। इस त्यौहार के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाती है, भगवान कृष्ण जो स्वयं एक क्रांतिकारी विचारक थे उन्होंने न केवल अपने विचारों से बल्कि कार्यों से भी पूरी दुनिया को संदेश दिया है। भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की पूजा को प्राथमिकता दी। हमारी छत्तीसगढ़ सरकार भी गौ माता की सेवा करने का काम कर रही है। गोवंश के हित में हमारी सरकार लगातार हम कर रही है। आज पशुपालकों को भी इसका लाभ मिल रहा है। दुर्ग, राजनांदगांव, धमतरी, बिलासपुर, कबीरधाम सहित पूरे प्रदेश के नागरिक यहां आए हैं।
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मुख्यद्वार को गेंदाफूल, आम पत्ते से सजाया गया है। मुख्यद्वार के ऊपर बंसी बजाते कृष्ण भगवान, द्वार के दोनों ओर लाठी लिए राउत नाचा करते पुरुषों का चित्र भी बहुत आकर्षक लग रहा है। अंदरद्वार पर दीप लिए हुए महिलाओं की प्रतिमा और राउत नाचा में पहने जाने वाले खुमरी और सजी हुई लाठियों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। परिसर में गौरा-गौरी पूजन स्थल पर धान की बालियों से कलश और विशेष कलाकृति बनाई गयी है। कार्यक्रम स्थल को ग्रामीण परिवेश का स्वरूप दिया गया है, घर को भी नांगर (हल), गाड़ा चक्का, टुकनी, रापा, कुदारी, सिल-लोड़हा, खटिया, कांवर, तुलसी चौरा, कंडील (लालटेन) से सजाया गया है। दीवारों में पेड़-पौधे, तोता-मैना, सुआ नृत्य करती महिलाएं, उत्साह पूर्वक पटाखे फोड़ते बच्चे, गौरा-गौरी विसर्जन के लिए जाती हुई महिलाएं, राउत नाचा, गाय चराते और दूध दुहते ग्वाले को आकर्षक ढंग से चित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। इसके अलावा राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बॉड़ी को भी आकर्षक ढंग से दिखाया गया है।
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