गुड सेमरिटन कानून, बिना डर और हिचकिचाहट के जरूरतमंदों की करे सहायता
रायपुर। गूड सेमेरिटन का अर्थ होता है नेक इंसान इस कानून का उद्देश्य उन लोगों की सुरक्षा करना है जो दुर्घटनाओं, आपात स्थितियों, या संकट के समय में दूसरों की मदद करते हैं। इस कानून का मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि लोग बिना डर या हिचकिचाहट के जरूरतमंदों की सहायता कर सकें। भारत में गुड सेमरिटन कानून का महत्व विशेष रूप से सड़क दुर्घटनाओं में मदद करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए है। इस कानून के तहत, यदि कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति की मदद करता है, तो उसे पुलिस या कानूनी प्रक्रिया में अनावश्यक परेशान नहीं किया जाएगा।
अगर कोई व्यक्ति मदद करता है, तो उसे अपनी पहचान जाहिर करने या अनावश्यक कानूनी पूछताछ में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।
मदद करने वाले व्यक्ति को किसी प्रकार की लापरवाही या चिकित्सा त्रुटि के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा, जब तक कि यह जानबूझकर गलत न हो।
सरकार ने गुड सेमरिटन लोगों को सम्मानित करने और उनके कार्यों की सराहना के लिए योजनाएं बनाई हैं।
भारत में गुड सेमरिटन कानून
2016 में भारत के सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को लागू करने के निर्देश दिए। यह कदम सड़क दुर्घटनाओं में समय पर मदद को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया गया, क्योंकि कई लोग डर के कारण घायल व्यक्तियों की मदद नहीं करते थे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आधार पर,यह कानून केंद्र सरकार ने लागू किया। सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर को कम करने, आम जनता को यह विश्वास दिलाना कि वे बिना किसी कानूनी झंझट के दूसरों की मदद कर सकते हैं,एवम आपात स्थितियों में इंसानियत और दयालुता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस कानून को लागू किया गया है।
उदाहरण
यदि कोई व्यक्ति सड़क पर घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाता है:
अस्पताल उसे तुरंत उपचार देगा और मददगार से इलाज का खर्च नहीं मांगेगा।
मददगार को पुलिस द्वारा परेशान नहीं किया जाएगा।
गुड सेमरिटन कानून समाज में इंसानियत और सहायता की भावना को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका पालन करके हम न केवल किसी की जान बचा सकते हैं, बल्कि एक सुरक्षित और सहयोगी समाज का निर्माण कर सकते हैं।