अच्छे इंसान की कीमत होती है सद् व्यवहार से : राष्ट्र संत ललितप्रभ
रायपुर। राष्ट्रसंत श्रीललितप्रभ सागरजी महाराज ने कहा कि ने कहा कि जीवन ऐसे जियो कि जहां रहो सब आपको प्यार करें, जहां से आप जाओ पीछे सब आपको याद करें और आप जहां जा रहे हो वहां पर सब आपका इंतजार करें। या तो हम 100 किताबें लिख कर जाएं कि हमारे जाने के बाद भी यह दुनिया उन्हें पढ़कर जीना सीख सके या फिर ऐसा जीवन जीकर जाएं कि हम पर 100 किताबें लिखी जा सकें। उन्होंने कहा कि तलवार की कीमत होती है धार से, पर अच्छे इंसान की कीमत होती है सद् व्यवहार से। सद् व्यवहार करने वाला कभी नहीं मरता क्योंकि वह लोगों के दिलों में युगों-युगों तक जीवित रहता है।
उन्होंने कहा कि गॉड बनना या डॉग यह हम पर निर्भर है। जो अच्छे व्यवहार करते हैं वे गॉड बन जाते हैं और जो बुरा व्यवहार करते हैं वे डॉग जैसे रह जाते हैं। जहां सुंदर चेहरा 2 मिनट याद रहता है वहीं सुंदर व्यवहार औरों को जीवनभर याद रहता है। हम हाथ उठा कर दो लोगों का दिल भी जीत नहीं सकते पर हाथ जोड़कर लाखों लोगों का दिल जीत सकते हैं। उदाहरण से संतप्रवर ने समझाया कि जैसे पुरुष लोग शादी से पहले जैसा व्यवहार करते हैं अगर वह वैसा ही शादी के बाद भी व्यवहार करें तो इस दुनिया में कभी तलाक की नौबत ही ना आए और महिलाएं शादी के बाद जैसा व्यवहार करती हैं अगर वह शादी से पहले वैसा ही व्यवहार करें तो इस दुनिया में कोई मूर्ख शादी ही न करें।
संतप्रवर शुक्रवार को कुम्हारी के कैवल्यधाम तीर्थ में आयोजित प्रवचन कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कैवल्यधाम तीर्थ संपूर्ण छत्तीसगढ़ का गौरव है। यहां आने से मन को अपूर्व शांति मिलती है। उन्होंने यहां के श्रद्धालुओं की भक्ति, समर्पण, उदारता व श्रेष्ठ व्यवहार की अनुमोदना करते हुए कहा कि सद् व्यवहार वही कर सकता है जो बड़े दिल का होता है। जैसे आपकी डिलीवरी के समय देवरानी कोई बहाना बनाकर पीहर चली गई लेकिन जब देवरानी के डिलीवरी का समय आए तो आप बड़ा दिल रखते हुए देवरानी से कहना कि बहन तू चिंता मत कर, मैं तेरी डिलीवरी बड़े प्यार से करवाऊंगी। आपका यह बड़प्पन उसे जीवनभर याद रहेगा। जैसे पड़ोस में मकान बनने वाला हो और पड़ोसी का सारा सामान आपके घर के आगे बिखरा हुआ हो तो पड़ोसी से लड़ने की बजाय अपना दिल बड़ा रखें और पड़ोसी से कहें कि सब सामान आप अपना मकान में उपयोग कीजिएगा पर पानी मेरे यहां से लीजिएगा। आपका बड़प्पन एक दिन चमत्कार करेगा और कभी आपकी दादी मां की तबीयत बिगड़ जाएगी और आप पड़ोसी से कहेंगे कि भैया गाड़ी देना तो वह खुद आपकी दादी मां की सेवा के लिए साथ चला आएगा। आपने तो उसके लिए केवल पानी बहाया लेकिन वह आपके लिए पेट्रोल बहाने के लिए भी तैयार हो जाएगा। अगर व्यक्ति केवल 1 मिनट का सद् व्यवहार कर ले तो वह दुश्मन को भी अपना मित्र बनाने में सफल हो जाता है।
अहंकार हटाइए-विनम्रता लाइए
व्यवहार को सुंदर बनाने के लिए संतप्रवर ने पहला सूत्र देते हुए कहा कि अहंकार हटाइए और विनम्रता लाइए। घर में बड़ा वह होता है जो घर को एक रखने के लिए समय आने पर बड़प्पन दिखाता है। जहां अहंकार से संबंध और सफलता का ताला टूटता है वहीं विनम्रता की चाबी से बंद ताला भी खुल जाता है। अगर हम अपने जीवन की गाड़ी को खटर-पटर से बचाना चाहते हैं तो हमें उसमें विनम्रता का ग्रीस लगाना चाहिए।
अपने वे होते हैं जो तकलीफ में साथ होते हैं
दूसरे सूत्र में संतप्रवर ने मुस्कुराते हुए मीठा से बोलने की प्रेरणा देते हुए कहा कि अगर आप किसी दूसरे की निंदा करते हैं तो सावधान कमियां आप में भी है और जबान उसके पास भी है। सिक्के और नोट का उदाहरण देते हुए संतप्रवर ने कहा कि सिक्का गिरता है तो आवाज आती है और नोट गिरता है तो आवाज नहीं आती है ठीक वैसे ही जो चीखते-चिल्लाते हैं उनकी कीमत सिक्के जितनी होती है पर जो शांत रहते हैं उनकी कीमत 2000 के नोट जितनी होती है। अगर हमारे आसपास कोई कमजोर या गरीब दिखे तो उसका साथ छोड़ने की बजाय हमें उसका सहयोग करना चाहिए क्योंकि अपने वे नहीं होते जो तस्वीर में साथ होते हैं अपने वे होते हैं जो तकलीफ में साथ दिया करते हैं।
अच्छी संगति सद्गति का कारण: डॉ. मुनि शांतिप्रिय
इससे पूर्व डॉ. मुनि शांतिप्रिय सागर ने कहा कि अच्छी संगति जहां सद्गति का कारण है वहीं बुरी संगति दुर्गति का कारण है। हम जितना ध्यान पत्नी का चयन करने में रखते हैं उतना ही ध्यान हमें संगति का चुनाव करने में भी रखना चाहिए क्योंकि पत्नी गलत निकल गई तो इस जिंदगी को खराब करेगी पर संगति गलत हो गई तो हमारा जीवन बिगड़ जाएगा और इस भव के साथ आने वाले भव भी बेकार हो जाएंगे। बच्चों को अच्छी संगति देने की प्रेरणा देते हुए मुनिप्रवर ने कहा कि बारिश न हो तो फसलें खराब हो जाती हैं और अच्छी संगति न मिले तो नस्लें खराब हो जाती हैं। समय-समय पर बच्चों का मोबाइल चेक करते रहें ताकि वे गंदी चीजों से बच सकें। याद रखें, श्रेष्ठ बनने का एक ही मंत्र है अच्छे और सफल लोगों की संगति करो।
कैवल्यधाम में हुआ भक्तिभाव से स्वागत
इस दौरान कैवल्य धाम तीर्थ पहुंचने पर श्रद्धालुओं द्वारा गुरुजनों का भक्तिभाव से स्वागत किया गया। स्वागत कार्यक्रम में श्रीआदिनाथ जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ सहित अन्य समाज के अनेक सदस्य उपस्थित थे।
राष्ट्रसंत रविवार को पहुंचेंगे रायपुर
राष्ट्रसंत विहार करते हुए शनिवार को प्रात: 7:00 बजे यूनिवर्सिटी गेट से बाजे-गाजे के साथ चौबे कॉलोनी मंदिर 7:30 बजे पधारेंगे। रविवार को रायपुर में चातुर्मास के मंगल अवसर पर धूमधाम से नगर प्रवेश करेंगे। इस अवसर पर सुबह 8:00 बजे दादाबाड़ी एमजी रोड से सत्संग शोभायात्रा निकलेगी जो 9:00 बजे इंडोर स्टेडियम बूढ़ापारा पहुंचेगी जहां पर 52 दिवसीय सत्संग महाकुंभ का श्रीगणेश होगा।