बेमेतरा। राज्य सरकार द्वारा मानवीय सहानुभूति को ध्यान मे रखते हुए अनुकम्पा नियुक्ति मे 10 प्रतिशत के सीमा बन्धन को 31 मई 2021 की स्थिति मे समाप्त कर दिये जाने से प्रदेश के दिवंगत शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों के स्वजनों को अनुकम्पा नियुक्ति का रास्ता खुल गया है। बेेमेतरा जिले के शासकीय मिडिल स्कूल थानखम्हरिया (वि.ख. साजा) मे पदस्थ शिक्षक स्व. चन्द्रिका प्रसाद वर्मा की 23 अप्रैल 2021 को कोरोना बीमारी से असमय मौत हो गई। ऐसे समय मे उनके परिवार के समक्ष भरण-पोषण की समस्या खड़ी हो गई। ग्राम पलेनी तहसील थानखम्हरिया के मूल निवासी लगभग 52 वर्षीय शिक्षक स्व. चन्द्रिका वर्मा के परिवार मे पत्नी के अलावा दो पुत्री एवं एक पुत्र नीरज है। एक बेटी का विवाह हो गया है जबकि एक बेटी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही है। शिक्षक चन्द्रिका वर्मा की पत्नी गृहणी है। पुत्र नीरज ने कक्षा 12वी तक पढ़ाई की है और डीसीए कर रहा है। पिताजी के निधन के एक माह के बाद सभी औपचारिकता पूरी करते हुए नीरज को फौरी तौर पर सहायक ग्रेड-3 के पद पर शासकीय बालक उ.मा.वि. थानखम्हरिया मे नियुक्ति आदेश मिला है। उन्होने अपनी नौकरी ज्वाईन भी कर ली है। शासन के इस राहत भरे फैसले पर नीतू ने प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि पिता के न होने से परिवार अधूरापन यद्यपि कभी खत्म नहीं होगा, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने एक पिता की भूमिका निभाते हुए अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की। नीरज ने कहा कि उसने कभी सोचा नहीं था कि अनुकम्पा नियुक्ति के अनेक लंबित प्रकरणों के बीच उनको नौकरी इतनी जल्दी मिल पायेगी। प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता के चलते ही यह सम्भव हो पाया और आज वह अपने परिवार के लिए कुछ करने लायक सक्षम हो पाईं। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार के प्रति आभार प्रकट करते हुए इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया।