गोधन की धूम, गोबर बेच पति ने पत्नी के लिये खरीदा स्मार्टफोन
रायपुर: गोधन न्याय योजना पूरे देश में अपने किस्म की अनूठी योजना है। इस योजना की धूम आज पूरे प्रदेश में देखने को मिलती है। शासन की गोधन न्याय योजना ने गोबर को एक कमोडिटी में तब्दील कर दिया है। आज गोबर बेचा और खरीदा जा रहा है। शासन छत्तीसगढ़ में पशुपालकों से गोबर खरीद रही है। गोबर बेचकर लोग अपनी जरूरतों को किस तरह से पूरा कर रहे हैं इसकी एक बानगी आज कोरिया जिले के बैकुंठपुर विकासखंड के ग्राम पटना में देखने को मिली। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंट मुलाकात के लिए ग्राम पटना पहुंचे थे। यहां लोगों से चर्चा के दौरान गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों ने बताया कि कैसे गोधन न्याय योजना उनकी जिंदगी में बदलाव ला रही है। ग्राम के राजवाड़े ने बताया कि वे 97 क्विंटल गोबर बेच चुके हैं। जिससे उन्हें 19 हजार रुपये मिले जिसमें से 12 हजार रुपये से उन्होंने अपनी पत्नी के लिए स्मार्टफोन लिया है। मुख्यमंत्री ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह तो खुशी की बात है। इसी तरह महिला स्व सहायता समूह छिंदिया की सदस्य नीलम कुशवाहा ने मुख्यमंत्री को बताया कि समूह की महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट तैयार करती हैं। जिससे उन्होंने 10.50 लाख रुपये कमाए हैं। केंचुआ बेचकर भी समूह को 1 लाख 80 हजार की आय हुयी है। इस प्रकार गोधन न्याय योजना के तहत जैविक खाद तैयार करने से महिलाओं को तकरीबन 12 लाख रुपये से अधिक की कमाई हुई है। इससे मिली आय को उन्होंने अपने मकान का निर्माण पूरा करने में लगाया है। उन्होंने आगे बताया कि इससे महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए महिलाओं को बधाई दी, साथ ही आगे और बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करते हुए शुभकामनाएं भी दीं।