छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ पवेलियन में दिख रही 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' की झलक

Nilmani Pal
17 Nov 2022 12:03 PM GMT
छत्तीसगढ़ पवेलियन में दिख रही गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की झलक
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दिल्ली। दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में लगाए गए छत्तीसगढ़ पवेलियन वर्तमान में देश व विदेश के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है। छत्तीसगढ़ पवेलियन में 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' की झलक देखने को मिल रही है। इस बार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में छत्तीसगढ़ पवेलियन में भी सुदृढ़ ग्रामीण अर्थव्यवस्था व आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते छत्तीसगढ़ को दिखाने का प्रयास किया गया है। यहाँ प्रदर्शनी बोर्ड के माध्यम से आगंतुकों को छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने वाली योजनाओं की जानकारी दी जा रही है।

आज मेले में छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम (सीएसआईडीसी) के मुख्य महाप्रबन्धक श्री एसके सिन्हा ने ज्यूरी के सदस्यों को छत्तीसगढ़ के पवेलियन का अवलोकन कराया। उन्होने ज्यूरी के सदस्यों को नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी के साथ ही ग्रामीण औद्योगिक पार्क के संबंध में विशेष जानकारी प्रदान की।

पवेलियन में मॉडल के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार की नई पहल ग्रामीण औद्योगिक पार्क को प्रस्तुत किया गया है, जो ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर प्रदान कर रहा है। इस योजना के माध्यम से चयनित गौठानों को ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किया गया है। जहां केंचुआ खाद उत्पादन के अलावा मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, खाद्य प्रसंस्करण जैसी गतिविधियां चल रही है। इस योजना से गौठान से जुड़े महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और स्थानीय युवाओं को रोजगार प्राप्त हो रहा है।

इसके साथ ही पवेलियन में छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गाँव योजना, नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना को प्रस्तुत किया गया है। इन योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। वहीं, छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनी के स्टॉल पर ग्रामीण विद्युतीकरण योजना को मॉडल द्वारा प्रदर्शित किया गया है। इस योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ के आंतरिक क्षेत्रों में शत-प्रतिशत का लक्ष्य रखा गया है।

सी मार्ट- ग्रामीणों का अपना शॉपिंग मॉल

छत्तीसगढ़ पवेलियन में सी-मार्ट का स्टॉल लगा हुआ है। सी मार्ट ग्रामीण अर्थव्यवस्था के तेजी से विकास के लिए गांवों में तैयार उत्पादों को शहरों से जोड़ने की पहल की गयी है। यहाँ महिला स्व सहायता समूहों, शिल्पियों, बुनकरों व अन्य पारंपरिक एवं कुटीर उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पादों का विक्रय किया जाता है। पवेलियन में भी इस स्टाल पर विभिन्न उत्पादों की खरीदी की जा सकती है।

स्टालों में दिख रही छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति

पवेलियन में छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति से जुड़े हुए उत्पादों को बखूबी डिस्प्ले किया गया है। छत्तीसगढ़ की जनजाति समुदाय द्वारा हाथ से बनाई गयी शिल्प वस्तु, कलाकृति, चित्रकारी, परिधानों की प्रदर्शनी लगाई गयी है। यहाँ बुनकर राज्य की खास पहचान कोसा सिल्क की साड़ियाँ लेकर पहुंचे हैं। इसके अलावा विश्व प्रसिद्ध शिल्पकारी बेलमेटल, ढोकरा और गोदना आर्ट को प्रस्तुत किया जा रहा है।

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