छत्तीसगढ़

गौठान में बने गौकाष्ठ के अलाव दे रहे ठंड में राहत

Nilmani Pal
22 Dec 2021 4:14 PM GMT
गौठान में बने गौकाष्ठ के अलाव दे रहे ठंड में राहत
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रायपुर। मौसम में हुए अचानक बदलाव के कारण प्रदेश में शीतलहर के प्रकोप से ठंड एकाएक बढ़ गई है। ठंड से बचने के लिए हर जगह अलाव जलने लगे है। ऐसे में गौठान में बने गोकाष्ठ उपयोगी साबित हो रहे हैं। ठंड के अचानक बढ़ने से बेसहारा, बेघर जरूरतमंदों और राहगीरों को दिक्कतों को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सभी जिलों में आवश्यक व्यवस्था के निर्देश दिए है। उनके निर्देश पर रैनबसेरों, सार्वजनिक स्थलों और आश्रय गृहों में ठंड से राहत के लिए अलाव की व्यवस्था की गई है। ऐसे में बलौदाबाजार जिले में प्रमुख चौक चौराहो में अलाव की व्यवस्था के लिए इस बार लकड़ी की जगह गौठान में बनाए गए गौकाष्ठ का उपयोग किया जा रहा है। यह गौकाष्ठ लकड़ी की अपेक्षा काफी किफायती होने के साथ ही पर्यावरण के भी अनुकूल है।

गौरतलब है कि नगर पालिका परिषद बलौदाबाजार द्वारा राज्य आजीविका मिशन के सेंटरों में 2 गोठानों का संचालन किया जा रहा है। यहां राज्य सरकार द्वारा संचालित गोधन न्याय योजना के तहत पशु पालकों और ग्रामीणों से गोबर खरीदी की जाती है। गौठानों में गोबर खरीदी का काम श्री शनिदेव महिला स्व सहायता समूह के द्वारा किया जाता है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती सुभाषनी शेन्द्रे ने बताया कि हमारे समूह में लगभग 59 महिला जुड़ी हुई हैं। सभी महिलाएं डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के साथ गोबर से वर्मी कंपोस्ट,सुपर कंपोस्ट एवं गोकाष्ठ का निर्माण का काम करती हैं।

शेन्द्रे ने बताया कि कोविड के दूसरे लहर के दौरान मृतकों के अंतिम संस्कार में भी गोकाष्ठ का उपयोग बड़े पैमाने में किया गया है। वर्तमान में समूह के पास लगभग 50 क्विंटल गो काष्ठ उपलब्ध है, जिसे वे 8 रुपये प्रति किलो की दर से बेचते हैं। अभी हाल के दिनों में नगरीय निकाय बलौदाबाजार के द्वारा ही शीतलहर से बचाव एवं अलाव की व्यवस्था हेतु गोकाष्ठ को खरीदा है। इससे उन्हें अतिरिक्त आय हो रही है।

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