छत्तीसगढ़

वैकल्पिक फसलों को प्रोत्साहित करने कृषकों को मार्गदर्शन दें : कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे

Admin2
5 Jun 2021 3:09 PM GMT
वैकल्पिक फसलों को प्रोत्साहित करने कृषकों को मार्गदर्शन दें : कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान के बदले अन्य वैकल्पिक फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने विभागीय अधिकारियों को कृषकों से सतत सम्पर्क कर उन्हें इसके लिए आवश्यक मार्गदर्शन देने के निर्देश दिए हैं। कृषि मंत्री ने कहा है कि राज्य के लोगों को पोषण युक्त खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए फसल विविधीकरण जरूरी है। धान के साथ-साथ दलहनी-तिलहनी फसलों की खेती को बढ़ावा देकर कृषकों की आमदनी को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को मिट्टी, मौसम एवं जलवायु की अनुकूल फसलों की खेती के लिए कृषकों को आवश्यक सहयोग एवं मार्गदर्शन देने को कहा है।

कृषि मंत्री ने कहा है कि राज्य में धान के साथ-साथ अन्य फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ सीजन 2021 से प्रति एकड़ की मान से कृषकों को आदान सहायता देने का प्रावधान किया गया है। खरीफ वर्ष 2020-21 में जिन कृषकों ने पंजीकृत रकबा से एमएसपी पर धान विक्रय किया है, यदि उस रकबे में धान के बदले मक्का, कोदो, कुटकी, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, फोर्टिफाइड धान, गन्ना, केला, पपीता की खेती और वृक्षारोपण किया जाता है, तो प्रति एकड़ की मान से 10 हजार रूपए की आदान सहायता दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वाले कृषकों को यह आदान सहायता 3 वर्षाें तक देय होगी।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता एवं कृषि आयुक्त अमृत कुमार खलखो ने कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के मैदानी अधिकारियों को प्रशिक्षण देने और संभाग, जिला, विकासखण्ड मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि सूचनाओं का आदान-प्रदान एवं कृषकों को मार्गदर्शन दिया जा सके। कृषि आयुक्त ने धान के बदले अन्य वैकल्पिक फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए खरीफ 2021 के तहत निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप मैदानी स्तर पर कार्यवाही सुनिश्चित करने के साथ ही इसकी सप्ताहिक रिपोर्ट भेजवाने को कहा है। उन्होंने कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को पटवारी, आरआई एवं पंचायत सचिव के सहयोग से विभिन्न फसलों के क्षेत्राच्छादन, बीज आदि की ग्रामवार, कृषकवार एवं फसलवार जानकारी पंजी संधारित करने के लिए निर्देश दिए हैं।

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