कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में आज फिर सैकड़ों ग्रामीणों ने विस्थापित गांवों के बेरोजगारों को रोजगार देने की मांग पर तीन घंटे तक गेवरा खदान के ओबी और कोयले के उत्पादन को ठप्प कर दिया। आंदोलनकारी किसान आऊटसोर्सिंग कंपनियों में 100% रोजगार भूविस्थापितों को देने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकरियों को खदान के अंदर घुसने से रोकने के लिए बड़ी संख्या में सीआईएसएफ को लगाया गया था, लेकिन प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार खदान के अंदर घूसकर खदान बंद कराने में सफल हो गए। इससे परिवहन गाड़ियों की लंबी कतार लग गई और कोयला ढुलाई का भी काम ठप्प हो गया। इससे एसईसीएल और आऊट सोर्सिंग कंपनी को करोड़ों का नुकसान हुआ है।
उल्लेखनीय है कि किसान सभा के नेतृत्व में रोजगार और पुनर्वास की मांग को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने आरोप लगाया है कि स्थानीय भूविस्थापित बेरोजगारों को रोजगार देने के बजाए इस क्षेत्र के बाहर के लोगों को रोजगार बेचा जा रहा है और इसमें एसईसीएल प्रबंधन और आउटसोर्सिंग कंपनियों की पूरी मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि विस्थापन प्रभावित लोगों के लिए रोजगार का प्रबंध करना एसईसीएल की जिम्मेदारी है, लेकिन भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा प्रबंधन अपने इस सामाजिक उत्तरदायित्व को पूरा करने से मुकर रहा है।