बेतरतीब ठेलों से आम जनता परेशान प्रशासन को देखने की फुर्सत नहीं
शो-रूम से ज्यादा कमाई करते है ठेले खोमचे वाले, निगम कर्मी दिखाते ठेले लगाने का रास्ता
ठेले वालों से अनाप-शनाप वसूली में शहर के छुटभैया नेताओं का हाथ
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। जनता से रिश्ता की टीम ने शहर में हो रहे दिन दहाड़े अतिक्रमण पर सर्वे कर इस नतीजे पर पहुंचा है कि मुख्य बाजार और चौका चौराहौं में ठेला -गुमटी लगाने वाले लोग जरूरतमंद है लेकिन इसके पीछे ठेला माफिया का है जो पैसे लेकर जरूरतमंद मजबूर लोगों से अनाप-शनाप पैसे लेकर पूरी दबंगई से कही भी ठेला चलाने की राजनीतिक दुकान चला रहे है। अभी तक तो भू माफिया से लोग परेशान थे, वे किसी के भी खाली जमीन पर कब्जा कर लेते थे, और समझौता के नाम से अनाप-शनाप पैसा वसूल करते थे इनके ऊपर भी शहर के छुटभैया नेताओं हाथ था, लेकिन अब ठेला और गुमटी माफिया से लोग परेशान होने लगे हैं। मजे की बात है कि इन अवैध ठेला वालों को ये छुटभैये नेता बाकायदा कार्ड भी जारी करते है जिसकी फीस इन्होंने लगभग दस हजार रुपए तक फिक्स कर दिए हैं। भुगतान करने के बाद ये कार्ड जारी करते हैं और फिर इनका खेल चालू होता है। चौक चौराहों और मुख्य मार्गो में अतिक्रमण से आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कुछ ठेले वालों ने जनता से रिश्ता के प्रतिनिधि को बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में छुटभैये नेता मंथली वसूली करते हैं, नहीं देने या आनाकानी करने पर दादागिरी करने पर भी उतारू हो जाते हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक ठेले वाले ने बताया कि निगम के लोग भी इस काम में शामिल हैं। जिस क्षेत्र में अवैध ठेला लगाना है वहां के पार्षद से एनओसी लेना पड़ता है एनओसी यानि प्रतिमाह कुछ पैसा फिक्स किया जाता है जिसे उसके गुर्गे सख्ती से वसूली भी करते हैं
राजधानी में इन दिनों गुमटी माफिया से आम जनता इस कदर परेशान हैं कि शारदा चौक, गोलबाजार-सराफा-पुरानी बस्ती, बूढ़ा तालाब के किनारे एमजी रोड, मालवीय रोड, तेलीबांधा, मरीन ड्राइव, कटोरा तालाब, आसपास, मोहोबा बाजार, रविशंकर विवि के पास और सरस्वती नगर थाने के सामने रामनगर, कोटा, दिशा कालेज, गुढिय़ारी से श्रीनगर खमतराई,बिरगांव, जीई रोड के अनुपम गार्डन से आरकेसी, टाटीबंध, स्टेशन रोड, मोवा, सड्डू, विधानसभा रोड, टिकरापारा, अंतर्राज्जीय बस स्टैंड के रास्ते, रिंग रोड, नंबर1, भाटागांव जाने वाले रास्ते की ओर जाने से पहले ठेले-गुमटी वालों से जूझना पड़ता है । ऊपर से पूरे शहर को ठेले की जद में लेने वाले दादाओं और छुटभैया नेताओं की दादागिरी के चलते लोगों को सड़क पर चलने की बंदिश लगा दी है। हर ठेला वाला का कहना है कि हम फलां साहब के खास हंै उनकी मेहरबानी से ही वेंडर लाइसेंस मिला है। नगर निगम ने वेंडर लाइसेंस देने के साथ कहीं भी अतिक्रमण करने की छूट गुमटी-ठेला वालों को दे दी है। सड़क किनारे अतिक्रमण
सबसे बड़ी समस्या राजधानी के सभी चौक चौराहों पर है। कपड़ा, किराना, जनरल स्टोर्स, मनिहारी , बर्तन दुकान, जूता दुकान, हार्डवेयर, साइकिल, टीवी फ्रिज जलपाल गृह सहित स्थायी व्यवसायी सबसे अधिक सड़क तक अतिक्रमण किए हैं। इसके अलावा फास्ट फूड, ठेला खोमचा वाले दुकनदार भी सड़क पर अतिक्रमण किए हैं। नगर निगम के अधिकारी स्थिति देखने के बाद भी खामोश रहते है जो शंका को जन्म देता है। लोगों ने निगम में कई बार शिकायत भी की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। जाम की स्थिति में पैदल चलने वाले भी घायल हो जाते हैं। दूर दर्ज के ग्राहक के आलावा स्थानीय रहवासी भी इस जाम से परेशान हैं। शिकायत करने पर तुरंत तो निगम वाले आ जाते है उनको हटाने लेकिन उनके जाने के बाद फिर जस की तस वही स्थिति निर्मित हो जाती है।
कहीं अन्य जगह दिया जाय
अतिक्रमण पर बोलते हुए मालवीय रोड व्यापारी संघ के सचिव ने कहा कि अतिक्रमण से गोलबाजार, मालवीय रोड में चलना दूभर हो जाता है। त्योहारी सीजन वनरात्रि, रमजान के साथ शादी का सीजन होने से भीड़ रेलमपेल बढ़ रही है लेकिन मार्केट के अंदर तक ठेलों वालों की दादागिरी कायम है। कोई देखने सुनने वाला नहीं है।