- आउटर की कॉलोनियों में लोंगों का निकलना मुश्किल, छेड-छाड़, लूट-पाट की घटनाएं बढ़ी
- कमल विहार, सेजबहार व देवपुरी से लगी कॉलोनियों के लोग दहशत में
- इन इलाकों में रात 8 बजे के बाद ही लोंगों को घर से बाहर निकलना बंद
- पुलिस पेट्रोलिंग सुनी सड़कों और अंदरुनी इलाकों में नहीं होने से बदमाशों के हौसले बुलंद
- राजधानी में रोजाना अपराध बढ़ रहे - राजधानी सहित पूरे प्रदेश में गुंडे-मवाली कानून का मखौल उड़ा रहे हैं। चाकूबाजी, मारपीट, लूट जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। ऐसी गतिविधियों में लिप्त अनेक अपराधी खुद को सत्ताधारी दल का बताकर मोहल्ले में आतंक मचाते हैं। इनका हौसला इतना बढ़ गया है कि वे किसी को भी अपना निशाना बनाने लगे हैं। गली-मोहल्लों में छोटे-छोटे विवादों पर मारपीट-चाकूबाजी आम हो गई है। लगातार कार्रवाई के पीछे जुआ-सट्टा पर लगाम नहीं लगने के पीछे एक कारण कई नेताओं के इन धंधों में लिप्त होना है। राजधानी के कई इलाकों में इनके अडडे चल रहे हैं। जिसे या तो ये स्वयं हेंडल करते हैं या उनके समर्थक। कई नेता अपने इलाके में सक्रिय सटोरियों और जुआ का फड़ चलाने वालों धंधा चलाने में परोक्ष रुप से मदद पहुंचाते हैं।
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। पचपेड़ी नाका से सेजबहार और देवपुरी से वीआईपी रोड को जोडऩे वाला कमल विहार के रास्ते में अब आए दिन गुंडे-बदमाशों को जमावड़ा लगा रहता है, रात होते ही कमल विहार के रोड में चेन स्नेचिंग करने वाले युवक घुमते नजऱ आते है। राजधानी में कमल विहार के पहले गेट में एक बस्ती है जहां रोज शराबियों की महफि़ल लगी होती है। कमल विहार में बने घरों और कालोनियों को शहर के सबसे पॉश इलाकों में से एक माना गया है। मगर उसके बाद भी इस रास्ते में लोगों से चाकूबाजी, लूट, हत्या, गांजा तस्करी और बड़े-बड़े अपराध होते है। लोगों से मोबाइल और लूटने वाला गिरोह कमल विहार के आस-पास ही बैठा रहता है। जैसे ही किसी अकेले व्यक्ति को गाडी में जाते देखते है तुरंत उसका पीछा करके उसे लूट लेते है।
पार्किंग-नुक्कड़ में भी दादागिरी
अपराधियों के हौसले अब इतने बुलंद हो चुके है कि हर जगहों पर पार्किंग के नाम पर वसूली का काम शुरू कर दिया है, लोगों के सवाल पूछे जाने पर पार्किंग की फीस ले रहे है ऐसा बहाना बनाकर ये अपराधियों के गुर्गे आम जनता को परेशान कर रहे है। अब अस्पतालों के बाहर सायकल, बाइक, कार पार्किंग का ठेका लेने वाले लोग अपराधियों का खौफ दिखाकर लोगों से अवैध वसूली करने में लगे हुए है। ऐसे पार्किंग में बैठने वाले लोग अपराधियों से ही जुड़े हुए होते है। ऐसे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है।
अपराधों में अब नाबालिग भी हो रहे शामिल
राजधानी में बढ़ रहे अपराधों को देखते हुए ऐसा लग रहा हैं कि अपराधियों में पुलिस का खौफ ख़त्म होने लगा हैं। रायपुर जैसे शहर में हुक्का, सिगरेट, जुआ-सट्टा, गांजा, शराब, और अन्य आपराधिक गतिविधियां का जारी रहना आम बात हैं। राजधानी में बढ़ते जा रहे अपराधों को रोकने के लिए पुलिस ने बहुत से अभियान भी चलाए लेकिन सौ फीसदी सफलता नहीं मिली। मगर इन सभी मुद्दों से हटकर एक बात पता यह भी है कि जो भी अपराध आज हो रहे हैं चाहे वो चोरी हो या फिर लूट हो या फिर बलवा या फिर हत्या हो इन सभी मामलों में आरोपी नशेड़ी ही मिले है । मगर उन आरोपियों में एक न एक नाबालिग भी शामिल हैं। रायपुर के पुराने और कुख्यात हिस्ट्रीशीटर अपने गुर्गों की मदद से नाबालिगों को नशे का आदि बनाकर अपने पास रखे हथियारों को देकर आपराधिक गतिविधियों में शामिल करते जा रहे हैं जो कि पूरी राजधानी को खोखला बनाती जा रही हैं।