गरियाबंद। कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने आज हाईस्कूल नहरगांव में स्कूली छात्रों को डीईसी एवं एलबेन्डाजॉल की दवाई खिलाकर लिम्फेटिक फाइलेरिया उन्मूलन एवं कृमि मुक्ति दिवस की शुरूआत की है। कलेक्टर ने कहा कि जिले के प्रत्येक लक्षित बच्चों को दवाई खिलाना सुनिश्चित करें। इस अवसर पर जिला सीईओ श्री संदीप अग्रवाल ने भी बच्चों को दवाई खिलाया। सीएमएचओ डॉ एन.आर. नवरत्न ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है यह जान तो नहीं लेती है लेकिन जिंदा व्यक्ति को मृत के समान बना देती है। इस बीमारी को हाथीपॉव के नाम से भी जाना जाता है। गरियाबंद जिले में 453 फाइलेरिया के मरीज है। जिसमें सबसे ज्यादा राजिम में 235 फाइलेरिया के मरीज है। विशेषज्ञों का कहना है कि फाइलेरिया मच्छरों (परजीवी क्यूलेक्स फैंटिगस मादा मच्छर) से फैलता है, जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया से ग्रस्त व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है, फिर जब यह मच्छर किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के विषाणु रक्त के जरिये शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देता है। हाथीपॉव से लोगों को बचाने के लिए जिले में कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर के निर्देशानुसार जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा 19 से 24 जुलाई 2021 तक लिम्फेटिक फाइलेरिया उन्मूलन एवं कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। तैयारी के संबंध में कलेक्टर द्वारा रविवार को बैठक लेकर स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।
जिले के सभी विकासखण्डों में 5 लाख 78 हजार 181 लोगों को डीईसी एवं एलबेन्डाजॉल की दवाई खिलाई जाएगी। संबंधित समस्त प्रशिक्षण जिला एवं विकासखंड स्तर पर पूर्ण किया जा चुका है। जिसमें 01 से 02 वर्ष के बच्चों को एलबेन्डाजॉल की आधी गोली (200 एमजी), 2 से 5 वर्ष, 6 से 14 वर्ष एवं 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगो को एक गोली (400 एमजी), खिलायी जायेगी। फाईलेरिया में 2 से 5 वर्ष के बच्चों को डी.ई.सी. की एक गोली (100 एमजी), 6 से 14 वर्ष के बच्चों को दो गोली (200 एमजी) एवं 15 वर्ष से अधिक लोगों को 3 गोली (300 एमजी) खिलायी जायेगी। एक वर्ष से कम उम्र के बच्चें, गर्भवती महिलाओं, अति वृद्ध व गंभीर बिमारियों से पीड़ितों को दवा नही दिया जायेगा। इस अवसर पर डीपीएम डॉ रीना लक्ष्मी, स्वास्थ्य विभाग एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।