छत्तीसगढ़। गरियाबंद विकासखंड अंतर्गत ग्राम धवलपुरडीह के गायत्री स्व सहायता समूह से जुड़ी श्रीमती ललिता राजपुत सबल होकर दूसरों के लिए प्रेरणा बन गयी है। ललिता मुश्किलो के दौर से गुजरने के बाद जिन्दगी में आए बदलाव की कहानी बिहान से जुड़कर लिखी है। आज अकेले रह कर भी खुद को न केवल आर्थिक रूप से बल्कि समाजिक रूप से सुरक्षित महसूस कर रही है। उन्होंने बताया कि जनपद पंचायत गरियाबंद अंतर्गत बिहान समूह से जुड़ने के पहले परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। घर की थोडी सी खेती और दुसरो के यहा मजदूरी कर मुश्किल से परिवार का गुजर बसर चल रहा था। आर्थिक तंगी के कारण मानसिक रूप से हमेशा परेशान रहा करती थी तथा उधारी की दलदल मंे फंसती जा रही थी। समूह में जुड़ने के बाद धीरे-धीरे आत्मविश्वास जागृत हुआ। पति के मृत्यु होने के बावजूद भी हार ना मानकर अपनी आर्थिक तंगहाली को दूर करने के लिए और परिवार के भरण-पोषण तथा आर्थिक स्तिथि को मजबूत करने के लिए उठ खड़ी हुई। जनपद पंचायत गरियाबंद के सीईओ शीतल बंसल ने बताया कि बिहान योजनांतर्गत समूह से जुड़ने के बाद वर्ष 2019 में एक लाख रूपये का बैंक लोन लेकर अगरबत्ती बनाने की मशीन लेने का फैसला किया और अपनी आजीविका गतिविधि की शुरुवात की। कुछ समय पश्चात बैंक से लिया लोन लौटाकर ऋण मुक्त भी हो गई। इसके बाद ललिता ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अगरबत्ती निर्माण के कार्य को आगे बढ़ाया। फलस्वरूप उनकी आय बढ़ती गई। आज वे 50 हजार रूपये से अधिक की अगरबत्ती बेचकर लाभ कमा चुकी है। ललिता द्वारा बनाये गये अगरबत्ती की खासियत यह है कि यह लोकल मार्केट में ही खपत हो जाता है। इसके अलावा उनके द्वारा गरियाबंद व मैनपुर में भी थोक के रूप में अगरबत्ती बेचकर लाभ अर्जित कर रही है। ललिता आज एक महिला शाश्क्तिकरण के रूप में जानी जाती है जो समूह से जुड़कर और सशक्त होकर अपने परिवार को आगे बढ़ा रही है तथा समूह की अन्य सदस्यों की भी समय समय पर आर्थिक रूप से मदद करने में सक्षम हो गई है।