गरियाबंद। हर शिक्षित बेरोजगार युवा का ख्वाहिश शासकीय सेवक बनकर अपना जीवनयापन सुखद ढंग से व्यतीत करने का रहता है। यदि बेरोजगारी के दौरान पारिवारिक दायित्व बढ़ जाये तो उसे व्यावसायी या शासकीय सेवा दोनो में से किसी एक में अपने आप को स्थापित कर अपनी जिम्मेदारियां का निर्वहन बखूबी करना पड़ता है। ऐसे ही बी.ए. स्नातक तक शिक्षा प्राप्त ग्राम गिरहोला के खिलेश ठाकुर भी है। जिन्होंने कम्यूटर एंड सीएससी सेंटर को आमदनी का जरिया बनाया। खिलेश ने बताया कि माता-पिता के निधन के बाद पारिवारिक दायित्व उन्हें संभालना पड़ा। परिवार की दोनो बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है और दो छोटी बहन अभी महाविद्यालयीन शिक्षा प्राप्त कर रही है। खिलेश ने च्वाइस सेंटर खोलने के पूर्व गरियाबंद से सीएससी प्रशिक्षण लेकर शासन से आई.डी प्राप्त कर तहसील ऑफिस गौरघाट (मैनपुर) के नजदीक च्वाइस सेंटर प्रारंभ किया। आज वह सभी प्रकार के ऑनलाईन कार्य, आयुष्मान कार्ड, ई-श्रमिक पंजीयन, आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र, पेन कार्ड, आधार कार्ड के अलावा आमंत्रण प्रिंटिंग इत्यादि कार्य कुशलतापूर्वक कर अच्छी आमदनी अर्जित कर रहा है। उन्होंने अपने सेंटर में फोटोकॉपी की मशीन भी रखी है, इससे भी उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है। खिलेश अपने इस व्यवसाय से खुश होकर कहता है कि अब उन्हें सरकारी नौकरी की आवश्यकता नहीं है, वह अपने इस व्यवसाय से ही खुश है।