कचरा कलेक्शन करने वाली दीदी ने किया छत्तीसगढ़ का नाम रोशन
सरगुजा। ग्राउंड पर की जा रही मेहनत का फल कभी इस तरह भी मिल सकता है ये स्वच्छता दीदीयों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा. लोगों के घरों में जा जा कर कचरा कलेक्शन करने जैसा काम भी शोहरत दिला सकता है, ये आज साबित भी हो गया. अंबिकापुर में कचरा कलेक्शन करने वाली दीदी पुरस्कार लेने तो कई बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर जा चुकी हैं, लेकिन बतौर अतिथि पहली बार न केवल किसी कार्यक्रम में शामिल हुईं, बल्कि स्वच्छता को लेकर अपने अनुभव भी साझा किए..
अंबिकापुर से सिटी प्रोग्रामर सौरभ राय के साथ श्वेता सिन्हा, हलकनिया दास, ज्ञान लता, निरासो, कुसुम मिंज दिल्ली के कार्यक्रम में शामिल हुईं हैं. श्वेता सिन्हा को न केवल दीप प्रज्ज्वलन के लिए मंच पर बुलाया गया, बल्कि स्वच्छता को लेकर अपने अनुभव साझा करने का भी मौका दिया गया. यह सम्मान अंबिकापुर नगर निगम के स्वच्छता मॉडल की मेहनत के कारण ही जिले के मिला है. स्वच्छता दीदियों के लिए यह किसी भी पुरस्कार से बढ़कर है.