छत्तीसगढ़

गुजराती समाज में पिछले 70 साल से गरबा का आयोजन, युवक-युवतियों के साथ उत्साह से थिरकतें हैं बुजुर्ग

jantaserishta.com
13 Oct 2021 5:51 PM GMT
गुजराती समाज में पिछले 70 साल से गरबा का आयोजन, युवक-युवतियों के साथ उत्साह से थिरकतें हैं बुजुर्ग
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बिलासपुर के टिकरापारा स्थित गुजराती समाज में पिछले 70 साल से लगातार गरबा का आयोजन हो रहा है। समाज के पदाधिकारी व कार्यकर्ता पारंपरिक रूप से अपनी संस्कृति को जीवित रखा है। इस आयोजन में युवक-युवतियां, महिलाओं के साथ ही बुजुर्ग भी उत्साह से शामिल हो रहे हैं। इससे आसपास का माहौल भक्तिमय नजर आने लगता है।

गुजराती समाज टिकरापारा स्थित सामाजिक भवन में पारंपरिक तरीके से हर साल नवरात्रि पर गरबा का आयोजन करता है। गीत, नृत्य एवं संगीत के माध्यम से माता रानी की भक्ति में लीन नजर आते टोलियां देखते ही बनती है। यह पर्व सामाजिक एकता एवं आपसी भाईचारे के साथ-साथ कौमी एकता का सबसे बड़ा उदाहरण है। इस आयोजन में समाज के साथ ही दूसरे समाज के युवक-युवतियां भी शामिल होती रही हैं और गरबा का आनंद लेती हैं। समाज के अध्यक्ष अरविंद भानूसाली ,सचिव यशवंत गोहिल महिला मंडल अध्यक्ष रेणुका जानी, सौरभ सोनछात्रा व केतन सुतारिया के साथ ही पदाधिकारी व कार्यकर्ता इस आयोजन के लिए पहले से ही तैयारी में जुटे रहते हैं। समाज के लोगों को भी हर साल इस आयोजन का इंतजार रहता है।
18 साल से आ रही गुजरात की ऑर्केस्टा टीम
समाज की महिला मंडल की अध्यक्ष रेणुका जानी बताती हैं कि गरबा के आयोजन के लिए विशेष रूप से गुजरात से ऑर्केस्टा टीम बुलाया जाता है। गुजरात की ऑर्केस्टा टीम पारंपरिक गीतों के साथ पिछले 18 साल से इस कार्यक्रम में शामिल हो रही है।
कोरोना के चलते पिछले साल नहीं हुआ आयोजन
समाज के अध्यक्ष अरविंद भानूसाली ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते पिछले साल गरबा का आयोजन नहीं हो सका था। कोरोना काल के बाद पहली बार समाज में गरबा हो रहा है। इस वजह से समाज के बच्चे, युवक-युवतियों के साथ बुजुर्ग भी इसमें उत्साह के साथ शामिल हो रहे हैं। गरबा में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए भीड़ नहीं की जा रही है। इस आयोजन में पहली बार समाज के सदस्यों और आमंत्रित अतिथियों के अलावा बाहरी किसी को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
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