छत्तीसगढ़

पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर रायपुर के रास्ते गांजे की तस्करी

Nilmani Pal
21 Sep 2021 5:04 AM GMT
पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर रायपुर के रास्ते गांजे की तस्करी
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  1. नए-नए तरीके अपनाकर घटना को दे रहे अंजाम
  2. उड़ीसा से रायपुर होते हुए छग की सीमा से निकलकर सीधी पहुंचता है गांजे का खेप
  3. गांजा की अवैध तस्करी पर रोक लगाना पुलिस के लिए चुनौती
  4. जागो छग पुलिस जागो...

जसेरि रिपोटर

रायपुर। राजधानी में अगल-अलग हथकंडे अपनाकर गांजा तस्करों ने गांजे की तस्करी शुरू कर दी है। नमक, कठहल, तरबूज, नारियल, फूल गोभी, जैसे फलों और सब्जियों की गाडिय़ों की आड़ में गांजे की तस्करी की जा रही है। छत्तीसगढ़ में गांजे की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही। गांजा की अवैध तस्करी पर रोक लगाना पुलिस के लिए चुनौती से कम नहीं है। बड़ी मात्रा में परिवहन करने वालों को नियंत्रित करने के बाद अब पुलिस का पूरा फोकस फूटकर विक्रेताओं की दुकानदारी समाप्त करने की है। रोजाना उड़ीसा के रास्तों से होकर महासमुंद जिले को पार करके गांजे की बड़ी खेप देश के दूसरे राज्यों में जाता है, पुलिस लगातार गांजे की बड़ी खेप को पकड़ रही है लेकिन उसके बाद भी रोजाना गांजे की तस्करी करने वाले अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है। गांजे की तस्करी को रोकने में पुलिस अमला कुछ हद तक नाकम भी हो रहा है। वही छत्तीसगढ़ राज्य के महासमुंद जिले के रास्तों से बहुत भारी मात्रा में गांजे की खेप रायपुर के रास्तों से होकर यूपी, बिहार जाती है।

छत्तीसगढ़ से होकर गांजा हुआ पार, एमपी पुलिस ने पकड़ा

मध्य प्रदेश के सीधी जिला मुख्यालय से लगे बटौली गांव मार्ग में पुलिस ने एक लावारिस मिनी ट्रक से 1,214 किलोग्राम गांजा बरामद किया है, जिसकी बाजार में कीमत 1.20 करोड़ रूपये से अधिक आंकी गई है।कोतवाली पुलिस थाना प्रभारी हितेन्द्र नाथ शर्मा ने बताया, हमने रविवार दोपहर 1,214 किलोग्राम गांजा एक लावारिस मिनी ट्रक से बरामद किया। इसका बाजार मूल्य 1.20 करोड़ रूपये से अधिक आंका गया है। हमने इस मिनी ट्रक को गांजा सहित जब्त किया है। इस मिनी ट्रक की कीमत भी करीब 25 लाख रूपये होगी। उन्होंने कहा कि पुलिस को सूचना मिली थी कि एक मिनी ट्रक में नमक की आड़ में गांजे की तस्करी की जा रही है। सूचना उपरांत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर नाकेबंदी की गई और इस मिनी ट्रक को कोतवाली पुलिस ने बटौली मंदिर मार्ग में लावारिस पड़ा देखा। शर्मा ने बताया कि मिनी ट्रक में चालक या खलासी नहीं मिले। तिरपाल से ढंके वाहन की तलाशी में नमक की बोरियों के बीच में गांजे से भरे बोरे मिले। उन्होंने कहा कि कोतवाली पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस कानून) के तहत मामला दर्ज किया है। इसी बीच, सीधी जिले के पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत ने मादक पदार्थ बरामद करने वाली पुलिस टीम को 10,000 रुपये नगद पुरस्कार देने की घोषणा की है।

रोजाना करोड़ों रुपए का गांजा सप्लाई

रायपुर से रोजाना करोड़ों गांजा का गांजा सप्लाई किया जाता है, रायपुर होकर उड़ीसा का गांजा हर राज्य में जाता है। लगातार कटहल, कलिंदर, नमक, नारियल और अब गोभी की आड़ में गांजा तस्कर बड़ी मात्रा में गांजे की खेप को एक राज्य से दूसरे राज्य तक पहुंचा रहे है। फलों और सब्जियों की गाडिय़ों में मादक पदार्थ की तस्करी करने का नया और नायाब तरीका गांजा तस्करों ने ढूंढ निकाला है। राजधानी में नशे का कारोबार तेज़ी से बढ़ते जा रहा है। इस शहर में शराब-गांजे का अवैध कारोबार सालों से फल-फूल रहा है। नशे के काले कारोबार की सच्चाई रोंगटे खड़े कर देती है। यह समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। नशे का कारोबार करने वाले अपराधियों की रोजाना गिरफ्तारी हो रही है लेकिन उसके बाद भी ये कारोबार बंद नहीं हो रहा है।

आसिफ की बारी कब

रायपुर के कालीबाड़ी चौक स्थित सुलभ शौचालय के आगे खाली मैदान में दिन और रात सट्टा, जुआ, गांजा, अवैध शराब और नशीली दवाई बेची जा रही है। लेकिन उसके बाद भी पुलिस की कोई कार्रवाई नहीं होती है। पुलिस रोज छोटे-मोटे अपराधियों को पकड़कर अपनी पीठ थपथपा रही है। लेकिन नशे के बड़े कारोबारी अब तक गिरफ्तार नहीं हो पा रहे है। रायपुर में अब ऐसे मामले सामने आ रहे हैं कि पहले युवाओं को नशे का शिकार बनाया जाता है और फिर उनको गांजा कारोबार में उतारा जाता है। इसकी अनदेखी बहुत भारी पड़ सकता है।

जनता से रिश्ता की खबरें हुई सच

जनता से रिश्ता ने समाचार पत्र के माध्यम से कई महीनों से आगाह करते आ रहा है कि उड़ीसा से महासमुंद और महासमुंद के रास्ते से रायपुर वो भी सब्जी, फल, नमक की आड़ में तस्कर तस्करी करते जा रहे है। मोटरसाइकल के जरिए युवा 5 से 6 किलो गांजा लेकर परिवहन करते है। पुलिस से बचने के और पुलिस द्वारा चौक-चौराहों पर लगाए गए चेकिंग से बचने के दुपहिया से गलियों में भी भाग जाते है। रायपुर में गांजा की तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है। सभी थाना क्षेत्रों में लगातार गांजे का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है।

मौत के सौदागर बेखौफ, पुलिस बेखबर

रायपुर पुलिस द्वारा कार्रवाई करने से बेखौफ कारोबारी नशे के नाम पर मौत के सामान को खुले तौर पर बेच रहे है। शहर में पुलिसिया कार्रवाई की यह स्थिति में सुधार हुए है। लेकिन उसके बाद भी रोजाना शहर में गांजे में लाखों का कारोबार चल रहा है। लेकिन यह हकीकत है कि शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी हर महीने लगभग 3 करोड़ से अधिक के गांजा का कारोबार हो रहा है। नशा कारोबारियों की मानें तो रोजाना लगभग 8 से 10 लाख का गांजा तो एक दिन में ही बिक रहा है। इतनी बिक्री का एकमात्र कारण यही है कि यह कारोबार या तो पुलिस के संरक्षण में फल-फूल रहा है, या फिर पुलिस को इसकी जानकारी नहीं हैं।

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