छत्तीसगढ़

न्यूज पोर्टल की आड़ में चल रहा जुआ-सट्टा व नशे का कारोबार

Nilmani Pal
15 Feb 2023 6:00 AM GMT
न्यूज पोर्टल की आड़ में चल रहा जुआ-सट्टा व नशे का कारोबार
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कुछ वेबसाइट्स वाले अपने कर्मचारियों के माध्यम से अवैध गतीविधियों को दे रहे अंजाम

राजधानी में सट्टा का कारोबार बना गृह उद्योग

छुटभैया नेताओं के संरक्षण से बेखौफ फल-फूल रहा है नंबर का धंधा

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में स्वयं-भू छुटभैया नेताओं का पैर अंगद की तरह ही जमा हुआ है। वो साफ कहते है कि किसी की भी सरकार आ जाए या चला जाए इससे हमारे धंधे में फर्क नहीं पड़ता है। कुछ मीडिया घरानोंं के पत्रकारों के सहयोगी सट्टा माफियाओं को संरक्षण देकर बड़े आराम से सट्टा संचालित कर रहे हैं। राजधानी में कुछ ऐसे क्षेत्र है जो सट्टा के लिए कुख्यात है। जहां तक पुलिस का मामला है वह तो मुखबिर की सूचना पर लगातार ऐसे मोहल्ले, धरसा, कस्बा क्षेत्र में छापा मार रही है। जिसमें रंगे हाथ सट्टा लिखते पकडक़र जेल दाखिल करने में सफलता हासिल तो कर ली, लेकिन कुछ तथाकथित छुटभैया नेताओं के फोन पर ही निजी मुचलके पर ही छोडक़र वाहवाही बटोर रही है। राजधानी के पंडरी, राजातालाब, नयापारा, सिविल लाइन्स, कटोरातालाब, तेलीबांधा, राजेंद्र नगर, कालिवाड़ी, संजय नगर,टिकरापारा, संतोषी नगर पचपेड़ी नाका, बोरिया खुर्द, गुढिय़ारी, टाटीबंध कोटा, खमतराई, भाठागांव, ट्रांसपोर्ट नगर रावांभाटा, मोवा, सड्डू, राजेंद्र नगर, खरोरा, सिमगा,अटल एक्सप्रेस-वे के बाएं साइड में बीएसयूपी कालोनी के पास मैदान में, लालपुर, जोरा, देवेंद्र नगर, बड़ा अशोक नगर -छोटा अशोक नगर, बिलासपुर रोड पर पडऩे वाले होटल-ढाबों में खुलेआम सट्टा खिलाया जा रहा है । सुबह से ही नंबर बुक कराने वालों की भीड़ इन क्षेत्रोंं में देखी जा सकती है। सटोरियों के गुर्गे न्यूज पोर्टल खोलकर मोहल्ले के आठवीं, दसवीं पास लडक़ों को पैसों का लालच देकर सट्टा लिखवाने का काम कर रहे है। पकड़े जाने पर प्रेस रिपोर्टर होने और न्यूज पोर्टल में काम करने की बात करते हुए अपने पोर्टल संचालक से बात करवाते हैं और पुलिस पर पोर्टल के संपादक होने का दबाव बनाकर गुर्गे को छुड़ाने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के जुड़े नेताओं से फोन करवाते हैं। जिसके कारण पुलिस भी सटोरियों पर पूरी तरह सख्ती से पेश नहीं आ पा रही है। नेताओं के मीडिएटर होने से पुलिस की कड़ी कमजोर हो गई है। सट्टा में ही सबसे ज्यादा नेतागिरी काम आ रही है। नेताओं के बड़ी-बड़ी गाडिय़ों में पेट्रोल सटोरिए ही डलवा रहे हंै।

नगर में जुए के लगे फड़, माफिया सक्रीय

नगर जुएं और सट्टे का कारोबार भी जोरों पर चल रहा है। जुआ माफियाओं ने अपना अड्डा नेहरू नगर और बस्ती क्षेत्र के अलावा अन्य जगहों पर फैलाते हुए अवैध कारोबार शुरू कर दिया है। कुछ समय पूर्व शहर में जुएं का कारोबार जोरों पर संचालित किया जाता था। पूर्व में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस अवैध कारोबार को ध्वस्त किया था। लेकिन वर्तमान में फिर से नगर में एक बार फिर जुआ माफिया सक्रिय हो गए है। इन जुआ माफियाओं को कुछ सफेदपोश का भी संरक्षण प्राप्त है। नगर में संचालित जुएं के फड़ में दांव लगाने के लिए बड़े-बड़े जुआरियों का आना जाना लगा रहता है। जुए के बढ़ते व्यापार से शहर में आपराधिक वारदातों में इजाफा हुआ है। जुआ माफिया द्वारा संचालित किए जाने वाले जुएं के फड़ में आने वाले जुआरियों को सुरक्षित माहौल मुहैया करवाने के नाम पर रुपये लिए जाते हैं। यह रकम जुआरियों से वसूली जाती है। यही नहीं कारोबारी जुए में हारने वाले जुआरियों को मोटे ब्याज पर कर्ज भी मुहैया करवाते हैं। इसी के तहत उधार रुपये देकर मोटे ब्याज में फंसा लिया जाता है, कुछ ही दिनों ने ब्याज मूल रकम से भी ज्यादा हो जाता है, कुछ लोग रकम न चुका पाने व माफिया की प्रताडिऩा से तंग आकर आत्मघाती कदम उठा लेते है। हाल ही में एक बाइक चोर ने माफिया के चंगुल में फंस कर चोरी करने का आरोप भी कबूला था।

युवाओं में बढ़ा जुआ का अवैध लत

शहर में जुआ का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। धड़ल्ले से जारी इस अवैध कारोबार के गिरफ्त में युवा पीढ़ी आ रही है। नतीजतन इलाकों में चोरी, जुआ की वारदातें बढ़ रही है। युवा पीढ़ी को नशे एवं जुआ की लत ने पूरी तरह से जकड़ लिया है। सडक़ किनारे शराबियों को नशे के धुत में पड़े देखा जा सकता है। अब रायपुर शहर भी खुलेआम जुए का अड्डा बना हुआ है। इसके अलावा पुलिस लाइन में स्थित पेड़ की छांव में जुआ खेलने के लिए कई युवा इकठ्ठा होते हैं। इसी तरह से नशेडिय़ों को खुलेआम गांजा, शराब पीते देखा जा सकता है। विभिन्न गांवों की गली-कूचों में शराब एवं गांजे की उपलब्धता आसानी से हो जाती है, जुआ का अवैध कारोबार करने वाले अपने कारोबार में दिन-दुगनी और रात चौगुनी की रफ्तार से बेखौफ होकर चला रहे हैं। युवाओं में जुआ की लत बढऩे लगी है। जुआ का एक और कारण भी है नशा। सार्वजनिक प्रसाधनों में खुलेआम जुआ खेलने वाले, शराब पीने वाले अन्य नशीली पदार्थों की शिशियां मिलना भी आम बात हो गई है।

तेज़ी से चल रहा अवैध सट्टा कारोबार

अवैध सट्टे और जुए का अवैध कारोबार तेज़ी से चले जा रहा है। सट्टे का कारोबार एक दुकान की आड़ में अपने गुर्गो के माध्यम से प्रतिदिन हजारों के साथ खेला जा रहा है। बड़े-बड़े जुए की फड़ लगाने तथा लाखों के अवैध कारोबार किये जाने का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है। नाम न छापने की शर्त पर कई लोगों द्वारा बताया गया है कि पुलिस लाइन में सट्टे के नाम पर दस हजार से अधिक के दांव लगाये जाते हैं जिन्हे एक स्थानीय दुकानदार के माध्यम से लगवाया जाता है। वहीं सट्टे के संचालक तथा उनके गुर्गो की पौ बारह बनी हुयी है। लोगों का कहना है कि पुलिस से भी शिकायत नहीं की जाती।

बाहर से आते जुआरी

रायपुर जिले में कुछ समय पहले शहर में जुए का कारोबार जोरों पर संचालित किया जाता था। पूर्व में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस अवैध कारोबार को ध्वस्त किया था, लेकिन वर्तमान में फिर से पुलिस लाइन क्षेत्र में एक बार फिर जुआ माफिया सक्रिय हो गए हैं। रायपुर जिले में संचालित जुए के फड़ में दांव लगाने के लिए क्षेत्र के बड़े-बड़े जुआरियों का आना जाना लगा रहता है। वहीं अंदेशा लगाया जा रहा है, कि जुए के बढ़ते व्यापार से शहर में आपराधिक वारदातों में इजाफा हुआ है।

छुटभैया नेताओं का गिरोह सक्रिय

राजधानी में कई इलाकों में जुआ की महफि़ल जम रही है कुछ जगहों पर पुलिस ने पिछले दिनों कार्रवाई की थी। लेकिन पुलिस के शांत होते ही जुए के अड्डों में महफि़लें जमने लगी है। शहर के बड़े होटलों में भी जुआ खिलाया जा रहा है पुलिस सिर्फ मुखबिर की सुचना पर ही कभी-कभी होटलों में दबिश देती है। कार्रवाई के बाद फिर से वहां दाव लगने शुरू हो जाते है। जुआ सट्टा आम बात है और पुलिस ऐसे जुआरियों और सटोरियों पर अपना शिकंजा कसती जा रही है। लेकिन वही पुलिस की कालोनियों के आस-पास जुआरियों का अवैध कारोबार चले जा रहा है। शहर में पुलिस की कार्रवाई के बाद भी जुआ और सट्टेबाज सक्रिय है और शहर के कई बड़े होटलों में भी जुआ खिलाया जा रहा है। हैरानी की बात ये भी है कि पुलिस लाइन में भी जुआ खिलाया जा रहा है। पुलिस लाइन को सट्टा, जुआ के कारोबार ने पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले लिया है। राजधानी में जुआ-सट्टा संचालित करने वालों के हौसले इतने बुलंद हैं कि राजधानी पुलिस का खौफ भी नहीं है। जिले के ज्यादातर गली-मुहल्ले में खुलेआम सट्टा-जुआ का धंधा चल निकला है। यह कारोबार जिले के आसपास के क्षेत्र में फल-फूल रहा है। राजधानी में सट्टा खाईवालों की फौज खड़ी हो गई है। सूत्र बताते हैं कि शहर में कई ऐसे स्थान हैं, जहां शाम होते ही महफिल सज जाती है। माना जा रहा है कि राजधानी में रोजाना लाखों रुपये का सट्टा और जुआ खेला जा रहा है। सूत्रों की मानें तो राजधानी में कई ऐसी जगहों में जुआ संचालित हो रहा है।

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