छत्तीसगढ़

शासकीय अस्पतालों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में निःशुल्क टीकाकरण

Shantanu Roy
10 May 2022 3:27 PM GMT
शासकीय अस्पतालों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में निःशुल्क टीकाकरण
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छग

रायपुर। बच्चे के जन्म के साथ समय-समय पर उनका टीकाकरण करवाना आवश्‍यक होता है। नियमित टीकाकरण न करवाने वाले बच्चे जानलेवा बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं। जन्म से लेकर 16 साल तक की उम्र तक बच्चे के लिए हर टीका बहुत जरूरी होता है, क्योंकि यह टीके उन्हें कई गंभीर बीमारियों से बचाते हैं। स्वास्थ्य विभाग के राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ वी आर भगत बताते है कि सम्पूर्ण टीकाकरण शिशुओं के जीवन और भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है।

अपने शिशुओं का टीकाकरण करके हम अपने समुदाय के सबसे अधिक जोखिम ग्रस्त सदस्य जैसे नवजात शिशु की सुरक्षा करते हैं । उन्होंने बताया कि एक समय हजारों बच्चों की जान लेने वाली बीमारियां जैसे पोलियो, स्मॉल पॉक्स आदि का उन्मूलन टीकाकरण के कारण किया जा सका है |आज टीकाकरण के कारण ही बच्चों में होने वाली अन्य बीमारियां भी उन्मूलन के कगार पर हैं।

टीकाकरण की सूची
डॉ भगत ने बताया की शिशुओं को जन्म पर बीसीजी, ओपीवी-0, हेपटाइटिस-बी-0 का टीका लगाया जाता है ,
6 हफ्ते या 1 1/2 महीने पर शिशुओं को ओपीवी-1, रोटा-1, एफआईपीवी-1, पेंटावेलेंट-1 और पीसीवी-1 का टीका लगाया जाता है , वहीँ 10 हफ्ते या 2 1/2 महीने में ओपीवी-2, रोटा-2, पेंटावेलेंट-2 का टीका, 14 हफ्ते या 3/12 महीने में ओपीवी-3, रोटा-3, एफआईपीवी-2, पेंटावेलेंट-3 और पीसीवी-2 का टीका , 9वें महीने में एम आर-1, पीसीवी-बूस्टर, विटामिन-A का प्रथम खुराक, 16-24 महीने में डीपीटी बूस्टर -1, ओपीवी-बूस्टर, एम आर-2, विटामिन-A का द्वितीय खुराक एवं 5-6 साल में डीपीटी-बूस्टर-2, 10 साल एवं 16 साल की उम्र पर टीडी का टीका लगाया जाता है।
इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को भी टीडी के दो टीके- पहला गर्भ धारण के तुरंत बाद एवं दूसरा इसके एक महीने बाद लगाया जाता है | सम्पूर्ण टीकाकरण सभी शासकीय चिकित्सालयों में निःशुल्क लगाया जाता है |
डॉ भगत ने बताया कि टीकाकरण शिशुओं को टीबी, पोलियो, रोटावायरस दस्त, काली खांसी, टिटनेस, हेपेटाइटिस बी, खसरा, हिब-निमोनिया और मेनिनजाइटिस जैसे गंभीर बीमारियों से बचाता है । उन्होंने बताया कि टीके लगने के बाद शिशुओं को स्तनपान कराया जा सकता है। टीके लगे स्थान पर यदि सूजन हो तो उस पर ठंडे पानी की पट्टी रख सकते हैं। बीसीजी के टीके लगे स्थान पर डेढ़ से दो माह में छोटा सा फफोला होता है, इससे घबराएं नहीं। टीका लगाने के बाद किसी भी प्रकार की एलर्जी हो या बुखार आए तो स्वास्थ्य कार्यकर्ता या डॉक्टर के परामर्श से दवाइयां ले सकते हैं।
Shantanu Roy

Shantanu Roy

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