जगदलपुर। मधुमेह आज के समय की विकट समस्या बनी हुई हैं, इस पर नियंत्रण तो किया जा सकता हैं, परन्तु इसे जड़ से ख़त्म नहीं किया जा सकता। राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वे-5 के अनुसार बस्तर जिले में 15 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में ब्लड शुगर लेवल (140 मिलीग्राम/डीएल से अधिक) की श्रेणी में 11.4 प्रतिशत लोग आते हैं। वहीं महिलाओं में यह आंकड़े 9 प्रतिशत है। मधुमेह मरीजों की बढ़ती संख्या पर रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विश्व मधुमेह दिवस पर आज जिला चिकित्सालय एवं ब्लॉक स्तर पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाएगा। शिविर में निःशुल्क डायग्नोस्टिक सुविधा रहेगी, आवश्यकतानुसार मधुमेह, फास्टिंग/पीपी शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, सहित अन्य जरूरी जांच की जाएगी
सीएमएचओ डॉ. आर.के. चतुर्वेदी ने बताया: "मधुमेह या डायबिटीज, जीवनशैली के कारण होने वाला रोग है लिहाजा इसके उपचार में जीवनशैली को ठीक करना बेहद जरूरी है। इसलिए इस रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 14 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय मधुमेह दिवस मनाया जाता है। मधुमेह को अगर नियंत्रित ना किया जाये, तो इसका असर किडनी (गुर्दा), आँख, हृदय तथा ब्लड प्रेशर पर पड़ता हैं। डायाबिटिज की बीमारी में शरीर में ब्लड शुगर या ब्लड गुलुकोस की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसा तब होता है, जब शरीर में इन्सुलिन हार्मोन की कमी हो जाती है। यह जड़ से खत्म होने वाला रोग नहीं है, लेकिन इसे व्यायाम, संतुलित आहार से नियंत्रित किया जा सकता है। चूंकि यह आनुवंशिकी के साथ-साथ गलत जीवनचर्या से उपजने वाली बीमारी हैं,अतः संतुलित आहार-विहार और स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर जीवन पर्यंत निरोग रहा जा सकता है। रोगग्रस्त होने के बाद रोगमुक्ति हेतु प्रयास करने से कहीं बेहतर है कि सदैव सजग रहा जाये।
उन्होंने आगे बताया: " उचित समय अंतराल में डाइबिटीज़ की जांच करे। यदि मधुमेह की पुष्टि हो जाये तो निश्चित रूप से खाने की रोज़मर्रा की आदतों में बदलाव लाये, जैसे शक्कर ना ले, टुकड़ों में बार बार परन्तु कम भोजन ले। दिन भर का एक उचित समय सारणी बनाये तथा उसका पालन करें, पर्याप्त 6- 7 घंटे की नींद और संतुलित आहार ले साथ ही वसा ना ले, अपने वजन का ध्यान रखें, मॉर्निंग वॉक एवं योग को दिनचर्या में शामिल करें, खान- पान सम्बन्धी जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं, अपनी दवाएं नियमित रूप से लिया करें। किसी भी स्थिति में नीम हकिम की बातों में आकर इलाज ना करवाए।