लाइसेंसीकृत ब्लड-बैकों से निःशुल्क रक्त भी उपलब्ध कराया गया
रायपुर। छत्तीसगढ़ की करीब एक प्रतिशत आबादी रक्त से संबंधित अनुवांशिक रोग सिकलसेल से पीड़ित है। प्रदेश के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में इसकी निःशुल्क जांच, दवाईयों एवं परामर्श की सुविधा है। सिकलसेल के मरीजों को जरुरत पड़ने पर लाइसेंसीकृत ब्लड-बैकों से निःशुल्क रक्त भी उपलब्ध कराया जाता है। स्वास्थ्य विभाग ने 19 जून को विश्व सिकलसेल दिवस के मौके पर सभी गर्भवती महिलाओं और बच्चों की सिकलसेल जांच कराने की अपील की है।
समय पर इसकी पहचान हो जाने से गर्भवती महिलाओं और बच्चों की जान बचाई जा सकती है। रायपुर में राज्य सिकलसेल संस्थान भी संचालित है जहां इसके मरीजों के टर्शरी केयर की व्यवस्था है। संस्थान में इस बीमारी के बारे में अनुसंधान भी किया जा रहा है। प्रदेश भर के चिकित्सा अधिकारियों और लैब तकनीशियनों को यहां सिकलसेल के बारे में प्रशिक्षण भी दिया जाता है। सिकलसेल एक अनुवांशिक रोग है। यह रक्त चढ़ाने या कुपोषण के कारण नहीं होता है। यह रोग दो प्रकार का होता है - सिकलसेल रोग एसएस और सिकलसेल वाहक एएस।