बिलासपुर। तीन लाख रुपए का लोन मंजूर करने के बाद खाताधारक ने 38 लाख 99 हजार रुपए निकाल लिए। शिकायत पर बैंक मैनेजर और एक अन्य आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। सह आरोपी बैंक मैनेजर की अग्रिम जमानत आवेदन सेशन कोर्ट ने नामंजूर कर दी है।भारतीय स्टेट बैंक की रतनपुर ब्रांच से अरविंद जायसवाल ने कंप्यूटर के कारोबार के लिए 3 लाख रुपए का लोन लिया। उस समय सुनील शुक्ला बैंक के मैनेजर थे, उन्होंने लोन मंजूर किया। बाद में जायसवाल ने अलग-अलग तारीखों पर लोन लिमिट से अधिक कुल 38 लाख 99 हजार 596 रुपए निकाले। मामले का खुलासा होने पर बैंक प्रबंधन ने मामला दर्ज कराया।
रतनपुर पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज की है। आरोपी तत्कालीन बैंक मैनेजर सुनील शुक्ला ने संभावित गिरफ्तारी से बचने अग्रिम जमानत आवेदन लगाया था। इसमें खुद को बेगुनाह बताते हुए कहा था कि रतनपुर ब्रांच से उसके तबादले के बाद अधिक रकम निकाली गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए दशम अपर सत्र न्यायाधीश अविनाश के त्रिपाठी की कोर्ट ने अग्रिम जमानत आवेदन निरस्त कर दिया है।