छत्तीसगढ़

निगम में टैक्स वसूलने के नाम पर फर्जीवाड़ा

Nilmani Pal
10 March 2023 5:16 AM GMT
निगम में टैक्स वसूलने के नाम पर फर्जीवाड़ा
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नयापारा का युवक खुद को निगम का कर्मी बताकर लोगों से कर रहा वसूली मकान दिलाने के नाम पर लाखों की वसूली

मकान-दुकान दिलाने के नाम पर ठगी, नकली वसूली अधिकारी मालामाल, नगर निगम के असली अधिकारियों के लिए बना जी का जंजाल

शिकायत के बाद भी अब तक गोलबाजार पुलिस ने नहीं की कार्रवाई

रायपुर (जसेरि)। राजधानी में शहर सरकार नगर निगम फर्जीवाड़ा और लूट का अड्डा बना हुआ है। चाहे ठेका कर्मचारी हो या पेटी कांटेक्टर का कर्मचारी या फिर फर्जी कर्मचारी बनकर लोगों को सब्जबाग दिखाकर अंधाधुंध वसूली चल रहा है। कौन असली है और कौन है नकली कर्मचारी कौन, किस पद पर काम कर रहा है नाम पट्टिटका नहीं होने के कारण भोले भाले नागरिक फजीवाड़ा और लूट के शिकार बन रहे है। ताजा मामला नयापारा है जहां एक तथाकथित शातिर बदमाश अपने आप को नगर निगम का कर्मचारी बताकर लोगों को टैक्स वसूली में रिबेट का लालच देकर खुलेआम वसूली कर रहा है। शातिर ने अपनी गाड़ी में भी नाम पट्टिका लगा रखा है।

एक अन्य मामले में रायपुर की पुलिस ने युवक को गिरफ्तार किया है। यह शातिर लोगों से वादा किया करता था, कि वह सरकारी मकान अलॉट कराने में उनकी मदद करेगा। बदले में इसने एक दर्जन लोगों से 5 लाख 11 हजार 500 वसूल लिए। लोगों को ना मकान मिला ना उनके रुपए वापस मिले। इसके बाद मामला पुलिस के पास पहुंचा। तेलीबांधा थाने की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार हुए युवक का नाम श्यामू चेलक है। लोगों को यह खुद को नगर निगम का कर्मचारी बताता था। फेसबुक पर इसने अपनी प्रोफाइल पर स्मार्ट सिटी लिमिटेड में काम करने का दावा किया है। यह खुद को छत्तीसगढ़ सतनामी समाज का नेता भी बताता है। सोशल मीडिया पर इसकी कई कांग्रेसी नेताओं के साथ तस्वीरें भी हैं, इनके प्रभाव में लेकर इसने लोगों को ठग लिया। मामले की शिकायत करने वाले सोहेल अंसारी ने बताया कि श्यामू चेलक ने खुद को नगर निगम का कर्मचारी बताया। यह कहा कि निगम वाले मकान देने जा रहा है। इसने दावा किया कि रुपए देने के बाद मकान दिला देगा। सोहेल की परिचित मंजू बंजारे ने श्यामू से उसकी मुलाकात करवाई। श्यामू चालक ने दावा किया कि बुकिंग के लिए 60 हजार देने होंगे इसके बाद बाकी की रकम फाइनेंस हो जाएगी। भरोसा करके सोहेल जैसे कुछ अन्य लोगों ने मिलकर 5 लाख 11 हजार 500 रुपए दे दिए। बाद में लोगों को पता चला कि श्यामू चेलक के दावे फर्जी हैं।

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