छत्तीसगढ़

Raipur राजभवन में धूमधाम से मनाया गया 5 राज्यों का स्थापना दिवस

Nilmani Pal
9 July 2024 10:22 AM GMT
Raipur राजभवन में धूमधाम से मनाया गया 5 राज्यों का स्थापना दिवस
x

रायपुर raipur news। राजभवन में आज बिहार, ओडिशा, गुजरात, तेलंगाना और सिक्किम राज्यों का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर Governor Biswabhushan Harichandan राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा कि विभिन्न राज्यों की भाषा, संस्कृति, परंपराओं और प्रथाओं के ज्ञान और समझ से भारत की एकता और अखंडता मजबूत होगी। केन्द्र सरकार के “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम के तहत विविधता में एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए सभी राज्य एक दूसरे का स्थापना दिवस मनाएगें। इसी कड़ी में राजभवन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें छत्तीसगढ़ में निवास करने वाले गुजराती, बिहारी, उड़िया, तेलुगू समाज और सिक्किम के लोगों ने उत्साह पूर्वक हिस्सा लिया। राज्यपाल ने स्थापना दिवस के अवसर पर सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह गर्व विषय है कि आज हमारे बीच बिहार, ओडिशा, गुजरात, सिक्किम और तेलंगाना राज्यों के लोग हैं, जो हमारे जीवन को समृद्ध बना रहे हैं और छत्तीसगढ़ के उत्थान और विकास में योगदान दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने और इसकी प्रगति को आगे बढ़ाने में इन राज्यों के नागरिकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी उपस्थिति से न केवल विविधता आई है बल्कि नए विचारों और दृष्टिकोणों का भी संचार हुआ है।

chhattisgarh news राज्यपाल हरिचंदन ने इन विभिन्न राज्यों की विशेषताओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि बुद्ध और महावीर की भूमि बिहार ने मानव जाति को शांति और अहिंसा का संदेश दिया। शिक्षा के केंद्र नालंदा ने हमारे ज्ञान और संस्कृति को एक नया आयाम दिया है। छत्तीसगढ़िया और उड़िया भाई-भाई हैं और दोनों राज्यों की संस्कृति एक-दूसरे से मिलती-जुलती हैै। पश्चिमी ओडिशा का छत्तीसगढ़ के साथ सांस्कृतिक जुड़ाव और सामाजिक सद्भाव है। संबलपुरी कपड़ा और संगीत छत्तीसगढ़ के जीवन का हिस्सा बन गया है और लगभग 30 लाख उड़िया लोग छत्तीसगढ़ में रहते हैं तथा राज्य के विकास में योगदान दे रहे हैं। chhattisgarh

राज्यपाल ने कहा कि गुजरात पश्चिमी भारत का गहना है। यह व्यापार और वाणिज्य का सबसे बड़ा केन्द्र है। राज्य ने सदियों से अपने प्राचीन इतिहास, संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित रखा है। अपने त्योहारों, पहनावे और भाषा से लेकर उनके उत्सवों और स्वादिष्ट भोजन तक, गुजरात आश्चर्यजनक रूप से अपनी जीवंत संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है। तेलंगाना अपने विविध इतिहास और विरासत के साथ नवाचार का संगम है। भारत का सबसे युवा यह राज्य, दक्षिण और उत्तर की दो संस्कृतियों का मिश्रण है। सिक्किम अपनी प्राकृतिक सुंदरता और संपदा के साथ-साथ शांति और सद्भाव का प्रतीक है।

राज्यपाल ने कहा कि सभी राज्य एक-दूसरे से सीखने और भारत को अधिक शक्तिशाली, समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मिलकर आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस अवसर पर उड़िया समाज के प्रतिनिधि, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, गुजराती समाज की प्रतिनिधि चार्मी दावड़ा, बिहारी समाज के प्रतिनिधि आचार्य रेमेन्द्र नाथ मिश्र और तेलंगाना समाज के प्रतिनिधि जी. स्वामी ने अपने-अपने समाज की गतिविधियों और छत्तीसगढ़ के विकास में समाज की भूमिका पर प्रकाश डाला। विभिन्न विश्वविद्यालयों की छात्राओं ने इन राज्यों के लोकनृत्यों की रंगारंग प्रस्तृति दी। जिसमें ओडिशा के जनजाति समाज का डालखाई नृत्य, बिहार का कजरी लोकनृत्य, गुजरात का गरबा, तेलंगाना का लंबाडी पिल्ला और सिक्किम के लोकनृत्य ने सभी का मन मोह लिया।

Next Story